गिरफ्तारी को पूरी तरह गलत बताते हुए आईसीएआई सदस्यों ने कहा कि रीफंड अधिकारियों की मिलीभगत से जारी किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सीए को दंडित करने के बजाय लाभकारी पार्टी- एक ट्रेडर और संबंधित जीएसटी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के गुरुग्राम स्थित कार्यालय पर गुरुवार रात आईसीएआई सदस्यों ने ताला लगा दिया, जिसके बाद काफी देर तक गहमा-गहमी का माहौल रहा। आईसीएआई सदस्य 15 करोड़ रुपये के कथित जीएसटी रीफंड घोटाले के मामले में दो सीए की गिरफ्तारी होने के बाद आक्रोशित थे। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि सीए अभी भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि जीएसटी कार्यालय में काम शुरू करा दिया गया है।
भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) के गुरुग्राम चैप्टर के सदस्यों ने कहा कि कथित जीएसटी रीफंड घोटाले के संबंध में दो सीए की गिरफ्तारी के विरोध में उन्होंने सीजीएसटी कार्यालय कई घंटों तक बंद रखा था।
गिरफ्तारी को पूरी तरह गलत बताते हुए आईसीएआई सदस्यों ने कहा कि रीफंड अधिकारियों की मिलीभगत से जारी किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सीए को दंडित करने के बजाय लाभकारी पार्टी- एक ट्रेडर और संबंधित जीएसटी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
दोनों सीए ने दस्तावेज किए थे प्रमाणित
पुलिस ने बताया कि कुछ दिन पहले कुछ व्यक्तियों ने फर्जीवाड़ा करते हुए 15 करोड़ रुपये के जीएसटी के रीफंड के लिए आवेदन किया था। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार दोनों सीए ने उनके दस्तावेजों को प्रमाणित किया था और अन्य मदद की थी, जिससे रीफंड में मदद मिली।
जीएसटी अधिकारी ने भी की थी जांच
आईसीएआई के सदस्यों ने सवाल किया कि सीए की वेरीफिकेशन के बाद अधिकारियों ने अपने स्तर पर भी जांच की थी। तो इस मामले में रीफंड बिना जांच के कैसे जारी हो गया? और अब वे सिर्फ सीए पर आरोप लगा रहे हैं।