
Cancer Centers Built
Cancer Centers Built: हरियाणा सरकार ने सात जिलों में कैंसर डे केयर सेंटर खोलने का ऐलान किया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि इन केंद्रों में कीमोथेरेपी जैसी सुविधाएं मरीजों को स्थानीय स्तर पर मिलेंगी।
हरियाणा के 7 जिलों में कैंसर डे केयर सेंटर बनेंगे, मरीजों को कीमोथेरेपी सहित जरूरी इलाज अब नजदीकी अस्पताल में ही मिलेगा, स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने की घोषणा।

हरियाणा: हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने 20 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है—राज्य के सात जिलों में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह पहल हरियाणा में कैंसर रोगियों को बेहतर, किफ़ायती और सुलभ चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।आरती सिंह राव ने बताया कि इन सेंटरों के निर्माण के पीछे एक स्पष्ट योजना है—मरीज़ों को महंगे प्राइवेट अस्पतालों तक भटकना न पड़े।
इसके लिए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने रोहतक स्थित PGI (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट) से समझौता कर लिया है, जो इन सेंटरों के स्टाफ को ट्रेन करने और प्रोटोकॉल डेवलप करने में मदद करेगा।
मुख्य बिंदु – विस्तार से:
Cancer Centers Built: इनमें से प्रत्येक सेंटर फिजिशियन, मेडिकल ऑफिसरों और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ से लैस होगा, जो रोगियों को कीमोथेरेपी जैसी जरूरी सुविधाएँ भी प्रदान करेगा। इससे मरीजों को बड़ी संख्या में शहरों की यात्रा से छुटकारा मिलेगा।
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नर्सिंग स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग
Cancer Centers Built: डॉक्टरों को दो महीने की और नर्सिंग स्टाफ को 15 दिन की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करने के लिए स्टाफ को PGI रोहतक के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया है। पीजीआई रोहतक से साझेदारी के ज़रिए पूरे राज्य में 30,000 से भी अधिक कैंसर रोगी पंजीकृत हैं—इस नई व्यवस्था से इलाज के जनसांख्यिकीय विस्तार की क्षमता बढ़ेगी।
सात चयनित जिले हैं: सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, सोनीपत और रोहतक। यह केंद्र उन जिलों में बनेंगे जहाँ इन जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है।
आरती सिंह राव ने यह योजना चिकित्सकीय अवसंरचना में सुधार के और सरकारी मेडिकल पदों की पूर्ति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उनके अनुसार, विभाग लगातार अस्पतालों में रिक्त पदों के पुनर्निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर काम कर रहा है।
🩺 योजना का संभावित प्रभाव और महत्व
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अधिक पहुंच: ग्रामीण व अर्ध-शहरी जिलों के कैंसर रोगियों को कीमोथेरेपी जैसी सेवाएं अपने नजदीकी सेंटर पर ही मिलेंगी, जो समय, पैसा और शारीरिक कष्ट बचाएगी।
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चिकित्सक प्रशिक्षण: PGI रोहतक से ट्रेनिंग के जरिए स्टाफ की क्षमता बढ़ेगी और मानदंड अनुरूप सेवाएँ सुनिश्चित होंगी।
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सामाजिक असर: हर साल लगभग 16,000 लोग कैंसर से मरते हैं, जबकि लगभग 30,000 नए मामले सामने आते हैं —इस पहल से रोगी देखभाल में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।
हरियाणा सरकार की यह पहल स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दूरदराज़ के मरीज़ों को सुविधा, सम्मान और योग्य उपचार सुनिश्चित करेगी।