
Earthquake in Afghanistan
Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप, गहराई 181 किमी; दिल्ली-NCR, जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस हुए झटके। घबराए लोग घरों से बाहर निकले, अफवाहों से बचने की अपील। फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई पुष्टि नहीं, प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखी है।
अफगानिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-NCR, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तर (Earthquake in Afghanistan) भारत के कई हिस्सों में महसूस हुए झटके, लोग घबराकर घरों से बाहर निकले, किसी नुकसान की सूचना नहीं, प्रशासन अलर्ट पर।

अफगानिस्तान: अफगानिस्तान में शुक्रवार की रात आए 5.8 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर धरती को हिला कर रख दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र में जमीन से करीब 181 किलोमीटर गहराई में स्थित था। इसकी वजह से आसपास के देशों में भी झटके महसूस किए गए, जिनमें भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-NCR और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
भूकंप रात करीब 9:12 बजे महसूस किया गया। अचानक आए झटकों से दिल्ली-NCR और जम्मू-कश्मीर में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। कई इलाकों में लोग इमारतों से निकलकर खुले स्थानों पर खड़े हो गए। हालांकि, अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
लोगों में दहशत, लेकिन राहत की बात
Earthquake in Afghanistan: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद जैसे शहरों में भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया। सोशल मीडिया पर भी भूकंप को लेकर प्रतिक्रियाएं तेज़ हो गईं। कुछ लोगों ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर झटकों के दौरान की वीडियो और तस्वीरें साझा कीं। वहीं जम्मू-कश्मीर में भी कुछ सेकंड तक तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए।
हालांकि, भूकंप की तीव्रता और गहराई को देखते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि इसका अधिक प्रभाव जमीन पर नहीं पड़ा है। NCS के वैज्ञानिकों के अनुसार, “भूकंप का केंद्र काफी गहराई में था, जिससे ज़मीन पर इसका प्रभाव सीमित रहा।”
Myanmar Earthquake: म्यांमार में फिर लगे भूकंप के झटके, इस बार 5.1 रही तीव्रता
भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है अफगानिस्तान
Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान दुनिया के उन क्षेत्रों में शामिल है, जो भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं। यह इलाका इंडो-यूरेशियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के जंक्शन पर स्थित है, जहां अक्सर हल्की या मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं।
हिंदूकुश क्षेत्र विशेष रूप से अधिक भूकंप प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां हर साल औसतन दर्जनों छोटे और मध्यम तीव्रता के भूकंप दर्ज किए जाते हैं। साल 2023 और 2024 में भी इस क्षेत्र में कई बार भूकंप आ चुके हैं, जिनमें से कुछ में जान-माल का भारी नुकसान भी हुआ था।
प्रशासन सतर्क, लोगों से सावधानी बरतने की अपील
Earthquake in Afghanistan: दिल्ली और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीमें तैयार रखी गई हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और ज़रूरत पड़ने पर आपात नंबरों पर संपर्क करें।
विशेषज्ञों ने यह भी सलाह दी है कि भूकंप के दौरान और बाद में लोग सतर्क रहें, खासकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग। अफगानिस्तान और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में भूकंप के झटके आम हैं, लेकिन जागरूकता और सतर्कता से जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है।