Lord Ram Statue
Lord Ram Statue: गोवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77 फीट ऊंची श्रीराम प्रतिमा का अनावरण किया, वहीं कर्नाटक के उडुपी श्रीकृष्ण मठ में एक लाख से अधिक भक्तों के साथ गीता पाठ किया और सोने का कलश चढ़ाया।

गोवा: केंद्र में आध्यात्मिक माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में 77 फीट ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा का भव्य अनावरण किया। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक के उडुपी श्रीकृष्ण मठ में एक लाख श्रद्धालुओं के साथ गीता पाठ में हिस्सा लिया और मंदिर में सोने का कलश समर्पित किया।
🔸 घटना 1: गोवा में 77-फुट श्रीराम प्रतिमा का अनावरण
- प्रधान मंत्री मोदी ने गोवा के दक्षिण गोवा, कैनाकोना स्थित Shree Samsthan Gokarn Partagali Jeevottam Math (गोकर्ण पर्तगली जीवोत्तम मठ) में 77-फुट ऊंची कांस्य की प्रतिमा का अनावरण किया।
- यह प्रतिमा — जिसे “विश्व (या एशिया) की सबसे ऊंची श्रीराम प्रतिमाओं” में से एक बताया जा रहा है — मशहूर मूर्तिकार राम वी. सुतार ने बनाई है, जो पहले से ही “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” के लिए जाने जाते हैं।
- इस अनावरण के साथ ही, मठ के 550वें वर्ष समारोह के अवसर पर एक थीम-पार्क — रामायण Theme Park — का भी उद्घाटन किया गया है। इसका उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को युवा और आम जनता तक पहुँचाना बताया गया है।
- समारोह के दौरान — अनावरण के अलावा — मठ परिसर, उसके परिवेश, और इतिहास के महत्व पर बल दिया गया। प्रधानमंत्री ने मठ की 550-साल पुरानी परंपरा और उसकी निरंतरता को स्वीकारा।
👉 महत्त्व: यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं — बल्कि दर्शन, धर्म, इतिहास और सांस्कृतिक पहचान को साथ-साथ जोड़ने वाला अवसर है। इससे गोवा (और भारत) में धार्मिक-पर्यटन, सांस्कृतिक गौरव और युवाओं में परंपरा की समझ को बढ़ावा मिलेगा।
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🔸 घटना 2: कर्नाटक (उडुपी) में 1 लाख लोगों संग गीता-पाठ और सोने का कलश
- उसी दिन मोदी ने कर्नाटक के Sri Krishna Matha, उडुपी में हजारों भक्तों के साथ Bhagavad Gita का सामूहिक पाठ (गीता-पाठ / ‘लक्ष कंठ गीता पारायण’) किया — जिसमें करीब 1 लाख लोग शामिल थे।
- उन्होंने मठ परिसर में पूजा-अर्चना की तथा मठ की सुवर्ण तीर्थ मंडप (Suvarna Teertha Mantapa) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, उन्होंने “स्वर्ण कवच / कनकना किड़ी” (Kanaka Kavacha) चढ़ाया।
- इस दौरान मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि गीता हमें सही-गलत, धर्म और कर्तव्य की सीख देती है; उन्होंने इसे आधुनिक भारत की नीतियों और दृष्टिकोणों से जोड़ने की बात की।
👉 महत्त्व: इतने बड़े पैमाने पर गीता-पाठ और मठ-कार्यक्रम से धार्मिक एकता, संस्कृति-संवेदना और आध्यात्मिक पहचान की भावना मजबूत होती है।
🔸 दोनों घटनाओं का सामूहिक संदेश
- दोनों कार्यक्रम — गोवा में प्रतिमा अनावरण + थीम-पार्क, और कर्नाटक में गीता-पाठ — भारत की धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित और लोकप्रिय बनाने की दिशा में देखे जा रहे हैं।
- यह नई पीढ़ी, भक्तों, और पर्यटन प्रेमियों के लिए एक तरह से पुरानी परंपराओं + आधुनिक दृष्टिकोण की साझेदारी का उदाहरण है।
- सरकारी स्तर पर — न सिर्फ धार्मिक, बल्कि आत्म-पहचान, इतिहास, संस्कृति और उसकी रक्षा को आगे बढ़ाने का संकेत मिलता है।
अगर आप चाहें — मैं पूरी घटना-क्रम (timeline) बता सकता हूँ — कि मोदी कहाँ गए, कौन-कौन से स्थलों पर गए, किन किन गतिविधियों में शामिल हुए — ताकि ये स्पष्ट हो कि इन आयोजनों का पूरा स्कोप क्या था।