Ban On Sacrifice In Shyama Temple: मिथिलांचल का श्यामा मंदिर मिथिलावासियों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र रहा है. श्यामा मंदिर पुराने समय से शक्ति और साधना का बड़ा केंद्र रहा है पर अब इसी मंदिर के बहाने बिहार में सियासत शुरू हो गई है. दरअसल, मां श्यामा मंदिर न्यास समिति ने मंदिर में बलि प्रदान करने की परंपरा को रोक दिया है.
दरभंगा के श्यामा मंदिर में बलि पर लगे रोक के बाद सियासत शुरू है. बीजेपी ने सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया और लोकसभा चुनाव के बहाने हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं पर चोट बताया है.
दरभंगा: मिथिलांचल का श्यामा मंदिर मिथिलावासियों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र रहा है. श्यामा मंदिर पुराने समय से शक्ति और साधना का बड़ा केंद्र रहा है पर अब इसी मंदिर के बहाने बिहार में सियासत शुरू हो गई है. दरअसल, मां श्यामा मंदिर न्यास समिति ने मंदिर में बलि प्रदान करने की परंपरा को रोक दिया है. बलि पर रोक लगाने के बाद स्थानीय लोगों में जहां आक्रोश है, वहीं इस मुद्दे ने सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है.
Ban On Sacrifice In Shyama Temple: बता दें कि श्यामा मंदिर न्यास समिति से बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के जारी पत्र के आधार यह रोक लगाई गई है. बलि प्रदान करने के लिए संस्था के भीतर रसीद कटाया जाता रहा है जिसे भी बंद कर दिया गया है. जहां बलि दी जाती थी उसे भी मिट्ठी से ढंक दिया गया है.
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बीजेपी प्रवक्ता ने बताया मुस्लिम तुष्टिकरण
Ban On Sacrifice In Shyama Temple: बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण बताते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है. कुंतल कृष्ण ने कहा कि सरकार ने बिहार को मुस्लिम तुष्टिकरण का सक्रिय प्रयोगशाला बना दिया है. बिहार में तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं और लोकसभा चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश है.
गठबंधन दल सरकार के बचाव में उतरे
Ban On Sacrifice In Shyama Temple: श्यामा मंदिर में बलि पर लगे रोक पर बीजेपी के मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बीजेपी हमेशा हिंदू मुसलमानों के बीच खाई बनाकर राजनीति करती आई है. बीजेपी विकास की जगह सिर्फ मंदिर के नाम पर सियासत करती है. बिहार में कोई भी नियम सोच समझकर बनाया जाता है और श्यामा मंदिर के लिए भी बनाया गया नियम भी सोच समझकर बनाया गया है.
श्यामा माई के रूप में माता सीता के दर्शन
Ban On Sacrifice In Shyama Temple: बता दें कि श्यामा माई मंदिर में मां काली की पूजा वैदिक और तांत्रिक दोनों विधियों से की जाती है. ऐसे तो हिंदू धर्म में शादी के 1साल बाद तक जोड़ा श्मशान भूमि में नहीं जाता है, लेकिन श्मशान भूमि में बने इस मंदिर में न केवल नवविवाहित आशीर्वाद लेने आते बल्कि इस मंदिर में शादियां भी सम्पन्न कराई जाती हैं. जानकारों का कहना है कि श्यामा माई माता सीता का रूप हैं.
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