
Civil Defence Drill
Civil Defence Drill: ‘वॉर मॉक ड्रिल’ से पहले गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिवों और सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया और नागरिक सुरक्षा व आपदा प्रबंधन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
‘वॉर मॉक ड्रिल’ से पहले गृह मंत्रालय ने बुलाई बड़ी बैठक, जिसमें सभी (Civil Defence Drill) राज्यों के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में नागरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, और आपात स्थिति में समन्वय को लेकर विस्तार से चर्चा और प्रशिक्षण योजना पर मंथन हुआ।

गृह मंत्रालय ने ‘वॉर मॉक ड्रिल’ (War Mock Drill) के आयोजन से पहले एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में राज्यों के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक का उद्देश्य:
संभावित युद्ध या राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में नागरिक सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी सुनिश्चित करना।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच समन्वय बढ़ाना।
सुरक्षा बलों, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, और चिकित्सा सेवाओं के बीच तालमेल को बेहतर बनाना।
आम नागरिकों को मॉक ड्रिल के माध्यम से प्रशिक्षित करने की रणनीति तय करना।
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प्रमुख चर्चा बिंदु:
वॉर मॉक ड्रिल की तारीखें और स्थानों का निर्धारण।
संसाधनों की उपलब्धता और तैनाती।
इमरजेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम का अभ्यास।
नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता अभियान।
पृष्ठभूमि:
Civil Defence Drill: गृह मंत्रालय समय-समय पर इस प्रकार की मॉक ड्रिल आयोजित करता है ताकि युद्ध जैसी परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा और प्रशासनिक तत्परता का मूल्यांकन किया जा सके।
निष्कर्ष:
Civil Defence Drill: इस बैठक से संकेत मिलता है कि सरकार नागरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर है और राज्यों के साथ मिलकर एक व्यापक रणनीति तैयार कर रही है।