JJP Rally in Hisar: कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है, हरियाणा में 50 सीटों के लिए दुष्यंत चौटाला को बनना पड़ेगा ‘बाजीगर’

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JJP Rally in Hisar: कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है, और हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं’। शाहरुख खान की फिल्म ‘बाजीगर’ का यह डायलॉग बेहद फेमस है। लेकिन, हरियाणा की मौजूदा परिस्थितियों को देखें तो इस डायलॉग को बदलने की जरूरत महसूस हो रही है। दरअसल, हरियाणा के हिसार में जजपा की नवसंकल्प रैली का आयोजन किया गया, जहां दुष्यंत चौटाला के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई।

हिसार में जजपा की नवसंकल्प रैली (JJP Rally in Hisar) में दुष्यंत चोटाला ने कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में 50 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि जानकार बताते हैं कि सत्ता हासिल करने के लिए मतदाताओं के टूटे दिल को जोड़ना बेहद जरूरी है।

JJP Rally in Hisar
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हिसार: कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है, और हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं’। शाहरुख खान की फिल्म ‘बाजीगर’ का यह डायलॉग बेहद फेमस है। लेकिन, हरियाणा की मौजूदा परिस्थितियों को देखें तो इस डायलॉग को बदलने की जरूरत महसूस हो रही है। दरअसल, हरियाणा के हिसार में जजपा (JJP Rally in Hisar) की नवसंकल्प रैली का आयोजन किया गया, जहां दुष्यंत चौटाला के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई। नारे लगाए गए कि हरियाणा में दुष्यंत का राज होगा। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा को वोट देने वाले मतदाता दुष्यंत से खासे नाराज हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जजपा इस विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने के लिए योग्य भी होगी या नहीं। आइये इस रिपोर्ट से इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।

विधानसभा चुनाव के लिए 50 सीटों का लक्ष्य

JJP Rally in Hisar: हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। बीजेपी के पास 41, कांग्रेस के पास 30, जजपा की 10, इनेलो और हलोपा की एक-एक सीट है। इसके अलावा सात विधायक निर्दलीय हैं। बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद दुष्यंत चौटाला ने हिसार की रैली में ऐलान किया कि हम 50 सीटें जीतेंगे। उन्होंने कहा कि हमने पिछले चुनाव में 15 फीसद वोट हासिल कर 10 सीटें जीती थी। हमें उम्मीद है कि अब 50 से अधिक सीट हासिल करेंगे। उनका यह बयान दर्शाता है कि जजपा के लिए अब लोकसभा चुनाव से ज्यादा विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर क्या कुछ रणनीति होगी, अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।

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विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना ही जरूरी

JJP Rally in Hisar: राजनीतिक जानकार बताते हैं कि बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद अब जजपा को लोकसभा चुनाव का मोह त्याग देना चाहिए। जजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए हिसार और चरखी दादरी-महेंद्रगढ़ सीट मांगी थी, लेकिन बीजेपी ने यह मांग स्वीकारने की बजाए गठबंधन ही तोड़ दिया। जानकारों का कहना है कि हिसार लोकसभा सीट पर कुलदीप बिश्नोई पहले से ताल ठोंक चुके हैं, वहीं हिसार के सांसद रहे बृजेश सिंह ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वहीं, हिसार की नौ विधानसभा सीटों से जजपा के 4 विधायक भी बगावत के मूड में हैं। ऐसे में जजपा के लिए मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। ऐसे में दुष्यंत चौटाला को लोकसभा की बजाए विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

जजपा पर मतदाताओं का भरोसा तोड़ने का आरोप

JJP Rally in Hisar: दुष्यंत चौटाला के चाचा और इनेलो से विधायक अभय चौटाला ने जजपा से मतदाताओं का भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि इनेलो कार्यकर्ताओं को गुमराह करके वोट तो ले लिए, लेकिन सत्ता के लिए बीजेपी से हाथ मिला लिया। उन्होंने कहा कि इनेलो संस्थापक स्व. चौ. देवीलाल जी ने एक बार कहा था कि राजनीति लोगों के लिए करो, अपने स्वार्थ के लिए नहीं। अपने स्वार्थ के लिए करोगे तो कुछ समय के लिए शोहरत जरूर कमा लोगे, लेकिन नाम नहीं बना पाओगे। उनकी इस बात में बेहद गहरी सीख है। उन्होंने लोगों से इनेलो से जुड़कर चौधरी देवीलाल जी के सपनों को पूरा करने में भागीदार बनने की अपील की।

भूपेंद्र हुड्डा बोले- अब कांग्रेस का समय आ गया

JJP Rally in Hisar: वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी जजपा पर हमला बोला है। कहा है कि चाहे कोई कुछ भी कहे, लेकिन अब जनता ने प्रदेश की बागडोर कांग्रेस को संभालने का मूड बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और जजपा में गठबंधन ने ठगबंधन था। गठबंधन का समझौता तोड़ने का भी अघोषित समझौता किया गया है। जनता सब जानती है और दोबारा से बीजेपी-जजपा के बहकावे में नहीं आएगी।

जानिये क्यों हैं मतदाता जजपा से नाराज

JJP Rally in Hisar: बता दें कि कांग्रेस और बीजेपी से नाराज मतदाताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा पर भरोसा किया था। आरोप है कि दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि किसी भी हालत में बीजेपी और कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगे। बावजूद इसके पहले ही चुनाव में दस सीटें मिलने के बावजूद जजपा ने बीजेपी से गठबंधन करके सरकार बना ली। इस कारण लोग खासे नाराज हैं।

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