Senior Citizen Act: सरकार ने बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए सीनियर सिटीजन एक्ट के लिए बनाया हुआ है। अगर किसी की औलाद बुजुर्ग का सम्मान नहीं करती तथा उसे तंग करती है तो बुजुर्ग अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें।
संबंधित एसडीएम को शिकायत करें। इसके बाद एसडीएम कोर्ट बच्चों को तलब करेगा। यह बात उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज महेंद्रगढ़ में लगे अपने कैंप कार्यालय के दौरान शंकर कालौनी की एक वृद्धा की शिकायत पर कही।
डीसी ने संबंधित शिकायत को एसडीएम हर्षित कुमार को मार्क करते हुए इस मामले में तुरंत आरोपियों को तलब करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अगर बच्चे मां-बाप का अनादर करते हैं तो वह उसके खिलाफ एसडीएम को शिकायत कर सकते हैं। ऐसे बुजुर्गों को भरण पोषण का अधिकार है।
बुजुर्ग की देखभाल के लिए दावा
Senior Citizen Act: उन्होंने बताया कि 60 साल या इससे अधिक उम्र वाले बुजुर्ग इस कानून के दायरे में आते है। इनमें जन्म देने वाले माता-पिता, गोद लेने वाले पेरेंट्स और सौतेले मां-बाप भी शामिल है।
अगर किसी बुजुर्ग के बच्चे ही नहीं हैं, तो वो भी मेंटीनेंस के लिए दावा कर सकते हैं, अगर उनकी प्रॉपर्टी या सम्पत्ति का इस्तेमाल रिश्तेदार कर रहे हैं। सम्पत्ति का इस्तेमाल करने वाले या उसके वारिस पर बुजुर्ग की देखभाल के लिए दावा किया जा सकता है।
शिकायत के लिए हर राज्य में स्पेशल ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है
Senior Citizen Act: डीसी ने बताया कि ऐसे मामलों की शिकायत के लिए हर राज्य में स्पेशल ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता एसडीएम रैंक का ऑफिसर करता है। एसडीएम को लिखित में आवेदन देकर ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है। शिकायत के लिए एसडीएम ऑफिस में जाना होगा। नाम, एड्रेस और जरूरी जानकारी के साथ आवेदन देना होगा। शिकायत की सुनवाई के दौरान बच्चों को कोर्ट बुलाया जाएगा।
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