Asaram Gets Bail: अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम जेल में बंद हैं । जिंदगी की आखिरी सांस तक कारावास की सजा काट रहे हैं । पिछले 10 वर्षों से जमानत के अब तक के तमाम प्रयासों के विफल होने के बाद सोमवार को उन्होंने राहत की सांस ली
राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में 10 साल से बंद आसाराम को पहली बार जमानत अर्जी मंजूरी हुई है । हालांकि बरसों से जमानत मंजूरी का फैसला सुनने को तरस रहे आसाराम को अब भी जेल में रहना पड़ेगा । यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था ।
जोधपुर: अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम जेल में बंद हैं । जिंदगी की आखिरी सांस तक कारावास की सजा काट रहे हैं । पिछले 10 वर्षों से जमानत के अब तक के तमाम प्रयासों के विफल होने के बाद सोमवार को उन्होंने राहत की सांस ली । आखिकार राजस्थान हाईकोर्ट में आसाराम की जमानत याचिका मंजूर हो गई ।
Asaram Gets Bail: यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था । तब से लेकर अब तक आसाराम ने स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न जाने कितनी जमानत याचिका पेश की, लेकिन कहीं भी राहत नहीं मिली । आखिरकार आसाराम की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया । हालांकि जिस मामले में जमानत स्वीकार की गई है, वह मामला यौन उत्पीड़न का नहीं है । बल्कि आसाराम से जुड़ा दूसरा मामला है ।
इस मामले में आसाराम को मिली जमानत
Asaram Gets Bail: जमानत लेने और जेल की सलाखों से बाहर आने के लिए आसाराम ने इन 10 सालों में अनगिनत प्रयास किए हैं । लेकिन हर बार आसाराम को असफलता हाथ लगी । आसाराम की आशाओं पर हर बार कोर्ट के आदेश में पानी फिरता रहा । जमानत की जद्दोजहद के बीच आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रविरॉय वगे नामक व्यक्ति ने पैरोकार के रुप में जमानत याचिका पेश की थी । जिसमें आसाराम के खराब तबीयत को आधार बनाया गया और सबूत के तौर पर जोधपुर सेंट्रल जेल की डिस्पेंसरी के प्रमाण पत्र पेश किए गए ।
जंतर- मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन के बीच साक्षी मलिक ने कहा, ‘‘ हम जंतर- मंतर से नहीं हटेंगे. यह लड़ाई नहीं रुकेगी. ’’
इसमें बताया गया कि आसाराम असाध्य बीमारी से ग्रसित हैं । और उन्हें उपचार की आवश्यकता है । सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब यह बात सामने आई कि यह प्रमाणपत्र झूठा है तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया । साथ ही कोर्ट को गुमराह करने और झूठे साक्ष्य पेश करने के मामले में एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान करने के आदेश किए । इसी मामले में अब राहत मिली है ।
जोधपुर के रातानाड़ा थाने में दर्ज हुई एफआईआर
Asaram Gets Bail: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के रातानाड़ा थाने में इस मामले को लेकर एक एफआईआर दर्ज की गई । इस मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट में लंबित है । आसाराम ने कोर्ट में हलफनामा देकर यह बताया कि उन्होंने कभी भी रवि राय नामक व्यक्ति से न तो फोन पर बात की और न ही उन्हें कभी पैरोकार नियुक्त किया था । लेकिन आसाराम को एडीजे कोर्ट ने राहत नहीं दी ।
हाईकोर्ट से मिली आंशिक राहत
Asaram Gets Bail: आसाराम की ओर से अधिवक्ता नीलकमल बोहरा और गोकुलेश बोहरा ने मामले में अर्जी लगाई । राजस्थान उच्च न्यायालय में एक विविध अपराधिक जमानत प्रार्थना पत्र सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत देने की मांग की गई । ।
जिस पर तीन दिन पूर्व राजस्थान हाई कोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर की कोर्ट में सुनवाई हुई । इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था । सोमवार को कोर्ट में आसाराम की ओर से पेश याचिका पर सुरक्षित फैसला सुनाते हुए आसाराम को जमानत देने का निर्णय लिया गया ।
क्या होगा इस जमानत का असर?
Asaram Gets Bail: आसाराम को इस मामले में जमानत मिलने के बाद भी वो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे । क्योंकि वे इस मामले के अतिरिक्त यौन उत्पीड़न के आरोप में जिंदगी की आखिरी सांस तक जेल की सजा भुगत रहे हैं । लेकिन उक्त जमानत मिलने के बाद आसाराम के वकीलों ने कोर्ट में यह तथ्य पेश किया जा सकता है कि आसाराम को एक अन्य मामले में जमानत मिल चुकी है । ऐसे में झूठे दस्तावेज पेश करने का मामला आसाराम की आगामी जमानत में अड़चन पैदा नहीं करेगा ।
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