PWD Secretary: PWD सेकेट्री के नाम से आया फोन और ठेकेदार के खाते से निकल गए 10 लाख रुपए

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PWD Secretary: साइबर ठगी के यूं तो काफी मामले सामने आ रहे हैं. ग्वालियर में शातिर ठगों ने पीडब्ल्यूडी के एक ठेकेदार को 10 लाख रुपये का चूना लगा दिया.

ठग ने खुद को प्रिंसिपल सेक्ट्री (PWD Secretary) बताया और कहा उसके चाचा के बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. इलाज के लिए रुपए की जरूरत है. ठग ने पहले 10 लाख रुपए खाते में डलवाए. उसके कुछ ही देर बाद दोबारा 10 लाख रुपए डलवा लिए और देर शाम तक रुपए लौटाने की बात कही. जब रात तक रुपए नहीं आए तब ठेकेदार को पता चला कि वो तो ठगा गया. इस मामले में निलंबित कार्यपालन यंत्री का फोन भी ठेकेदार के पास पहुंचा था.

PWD Secretary
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ग्वालियर: साइबर ठगी के यूं तो काफी मामले सामने आ रहे हैं. ग्वालियर में शातिर ठगों ने पीडब्ल्यूडी के एक ठेकेदार को 10 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठग ने खुद को पीडब्ल्यूडी का प्रिंसिपल सेक्रेट्री बनकर ठेकेदार को फोन किया था. उसने 20 लाख मांगे थे. 10 तो चले गए लेकिन बाकी 10 क्राइम ब्रांच ने बचा लिए.

PWD Secretary: ठग ने खुद को प्रिंसिपल सेक्ट्री बताया और कहा उसके चाचा के बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. इलाज के लिए रुपए की जरूरत है. ठग ने पहले 10 लाख रुपए खाते में डलवाए. उसके कुछ ही देर बाद दोबारा 10 लाख रुपए डलवा लिए और देर शाम तक रुपए लौटाने की बात कही. जब रात तक रुपए नहीं आए तब ठेकेदार को पता चला कि वो तो ठगा गया. इस मामले में निलंबित कार्यपालन यंत्री का फोन भी ठेकेदार के पास पहुंचा था.

क्राइम ब्रांच में शिकायत

PWD Secretary: इस मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की गई है. क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने तुरंत खाता फ्रीज कराते हुए 10 लाख रुपए तो ठेकेदार के खाते में वापस करा दिए लेकिन बाकी 10 लाख रुपए ठग ने निकाल लिए. क्राइम ब्रांच ने एफ आई आर दर्ज कर ठग की तलाश शुरू कर दी है.

कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार को चूना

PWD Secretary: बहोड़ापुर के विनय नगर इलाके में रहने वाले प्रताप सिंह तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं. वह पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार भी हैं. 21 अप्रैल को उनके पास ग्वालियर में पदस्थ रहे पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री प्रदीप अष्टपुत्रे का फोन आया. अष्टपुत्रे अभी निलंबित चल रहे हैं.

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अष्टपुत्रे ने उनसे कहा कि पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुखबीर सिंह बात करना चाहते हैं. अष्टपुत्रे ने ही ठेकेदार को वह नंबर दिया. जब उस नंबर पर ठेकेदार ने फोन किया तो कॉल उठाने वाले ने खुद को प्रिंसिपल सेक्रेटरी बताया और कहा उनके चाचा के बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. इलाज के लिए तुरंत 10 लाख रुपए की जरूरत है. वह रुपए वापस कर देंगे.

ऐसे ठगा गया ठेकेदार

PWD Secretary: प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम से कॉल आया था इसलिए ठेकेदार ने बताए गए खाते में 10 लाख रुपए आरटीजीएस कर दिए. कुछ देर बाद जब दोबारा कॉल आया तो फिर उसने 10 लाख रुपए और मांगे. उसे भी ठेकेदार ने आरटीजीएस कर दिए. ठग ने रुपए लौटाने की बात कही थी. जब रात हो गई और ठेकेदार ने उसी नंबर पर कॉल किया तो वह नंबर बंद आया. बैंक में संपर्क किया तो पता चला कि वह बैंक अकाउंट नंबर बिहार का था.

इसके बाद ठेकेदार ने ठगी की शिकायत क्राइम ब्रांच में की. क्राइम ब्रांच टीम ने तुरंत खाते को फ्रीज करवाया जिससे ठेकेदार के 10 लाख रुपए ट्रांसफर होने से बच गए लेकिन पहले की किश्त के 10 लाख रुपए ठग निकाल चुका था. पुलिस ने बैंक अकाउंट डिटेल और फोन नंबर के आधार पर ठगों की तलाश शुरू कर दी है.

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