Jal Jeevan Mission Scam: राजस्थान सरकार का जल जीवन मिशन घोटाला मामला इन दिनों सुर्खियों में है प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने इस मामले में आज यानी शुक्रवार को इस मिशन से जुड़े कई बड़े अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की है
मिल रही जानकारी के अनुसार गणपति कंपनी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर 2 साल में 900 करोड़ के वर्क आर्डर लिए घोटाले(Jal Jeevan Mission Scam) में पीएचईडी के कई अधिकारी शामिल रहे हैं.
जयपुर: राजस्थान सरकार का जल जीवन मिशन घोटाला मामला इन दिनों सुर्खियों में है प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने इस मामले में आज यानी शुक्रवार को इस मिशन से जुड़े कई बड़े अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की है इस मिशन के तहत राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पीने का साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था इसके लिए कुल बजट का आधा हिस्सा केंद्र जबकि आधा राज्य सरकार को देना था
Jal Jeevan Mission Scam: इस मिशन में घोटाले की बात सबसे पहले सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने की थी. उन्होंने जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था. जून महीने में मीणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, ‘प्रधानमंत्री ने बजट में 2019 में घोषणा की थी, शुद्ध जल हर घर तक पहुंचाना है. आइये आपको बता दें कि आखिर ये जल जीवन मिशन घोटाला मामला है.
दोनों कंपनियों पर हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप
Jal Jeevan Mission Scam: आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने इस योजना के लिए राज्य सरकार ने हजारों करोड़ रुपये भी दिए. लेकिन हर घर नल पहुंचाने में सबसे फिसड्डी साबित हुई. आरोप है कि इस योजना के नाम पर भी हजारों करोड़ का घोटाला किया गया. इसके लिए नियम कायदे और कानून को तोड़कर गणपति ट्यूबबेल कंपनी और श्री श्याम ट्यूबल कंपनी शाहपुरा को ठेका भी दिया गया. इन दोनों कंपनियों ने 1000 करोड़ रुपये का घोटाला किया.
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“फर्जी प्रमाण पत्र भी बनाए गए”
Jal Jeevan Mission Scam: मिल रही जानकारी के अनुसार गणपति कंपनी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर 2 साल में 900 करोड़ के वर्क आर्डर लिए. घोटाले में पीएचईडी के कई अधिकारी शामिल रहे. घोटाले के बारे में किसी को पता ना चल सके इसके लिए ई-मेल आईडी और प्रमाण पत्र भी फर्जी बनाए गए हैं. भारत सरकार के उपक्रम इरकॉन के नाम पर फर्जी लेटर हेड पर राजस्थान सरकार ने वर्क ऑर्डर जारी कर दी. इस मामले में 20, 000 करोड़ का मोटा-मोटा खेल हुआ है.’
‘कार्रवाई करो नहीं तो ED में जाऊंगा’
Jal Jeevan Mission Scam: किरोड़ी ने आरोप लगाते हुए उस वक्त कहा था कि, ‘जल जीवन मिशन के 48 प्रोजेक्ट 30 से 40% ज्यादा टेंडर दिए गए हैं. नियमानुसार 10% से ज्यादा नहीं जा सकती. लेकिन जो फर्म ने चाहा वह सुबोध अग्रवाल ने कर दिया. मंत्री की भी इस पर सहमति ले ली गई. 48 प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ से ज्यादा के हैं.
12 अप्रैल 2023 को वित्त विभाग ने आदेश दिया कि केंद्र सरकार से 50% दे सकती है, उसकी स्वीकृति लेकर कार्य किए जाए. केंद्र सरकार की स्वीकृति लिए बिना राज्य का पीएचडी विभाग करोड़ों रुपए के काम कर रहा है. मंत्री और एसीएस जल संसाधन सुबोध अग्रवाल 20000 करोड़ के घोटाले में शामिल हैं.
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