Pakistan Confessed Crime: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने कबूल किया कि पाकिस्तान ने 1999 में लाहौर समझौते को तोड़ा

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Pakistan Confessed Crime: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमेशा भारत की पीठ में खंजर घोंपता आया है। इस बात की तस्दीक खुद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने की। उन्होंने मंगलवार, (28 मई) को कबूल किया कि पाकिस्तान ने 1999 में लाहौर समझौते को तोड़ा था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नवाज शरीफ ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन बार के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को अपना पद छोड़ना पड़ा था। यहां तक कि पाकिस्तान छोड़कर उन्हें ब्रिटेन में शरण लेनी पड़ी थी।

Pakistan Confessed Crime
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमेशा भारत की पीठ में खंजर घोंपता आया है। इस बात की तस्दीक खुद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने की। उन्होंने मंगलवार, (28 मई) को कबूल किया कि पाकिस्तान ने 1999 में लाहौर समझौते को तोड़ा था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नवाज शरीफ ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। नवाज शरीफ ने परोक्ष रूप से जनरल परवेज मुशर्रफ के कारगिल में घुसपैठ का जिक्र करते हुए स्वीकार किया कि यह हमारी गलती थी।

Pakistan Confessed Crime: नवाज शरीफ अपनी पार्टी PML-N की ओर से आयोजित आम परिषद की बैठक में पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा- 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे। उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया। लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया। यह हमारी गलती थी।

क्या है लाहौर समझौता?

Pakistan Confessed Crime: दरअसल, लाहौर समझौता, दो युद्धरत पड़ोसी मुल्कों के बीच एक शांति समझौता है। जिसमें अन्य चीजों पर ध्यान देने के अलावा शांति और सुरक्षा बनाए रखने और दोनों देशों के बीच पिपुल टू पिपुल कॉन्टैक्ट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था। यह समझौता लाहौर में तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच 21 फरवरी 1999 को हुआ था। हालांकि, नवाज शरीफ के अनुसार, पाकिस्तान ने कुछ समय बाद जम्मू-कश्मीर के कारगिल में घुसपैठ करके इसका उल्लंघन किया था। पाकिस्तानी सेना की इसी घुसपैठ की वजह से कारगिल में युद्ध हुआ था।

उस समय पाकिस्तान में आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ थे। उन्होंने अपनी सेना को गुप्त रूप से मार्च 1999 में कारगिल जिले में घुसपैठ करने का आदेश दिया था। भारत को जब घुसपैठ का पता चला तो युद्ध छिड़ गया। भारत ने यह युद्ध जीत लिया।

परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाई

Pakistan Confessed Crime: मंगलवार को पाकिस्तान ने अपने परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाई। नवाज शरीफ ने कहा कि उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए 5 बिलियन अमरीकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने पूर्व पीएम इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मेरी जगह इमरान खान जैसे व्यक्ति होते तो वे क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर लेते।

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पीएम पद से कैसे हटाया गया, शरीफ ने बताया

Pakistan Confessed Crime: नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन बार के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को अपना पद छोड़ना पड़ा था। यहां तक कि पाकिस्तान छोड़कर उन्हें ब्रिटेन में शरण लेनी पड़ी थी। 6 साल बाद 74 वर्षीय शरीफ मंगलवार को अपनी पार्टी के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्हें 2017 में पाकिस्तान के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार द्वारा झूठे मामले में प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सभी मामले झूठे थे, जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक नेता इमरान खान के खिलाफ मामले सच्चे हैं।

नवाज शरीफ ने 2017 में इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए उनकी सरकार को गिराने में पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल जहीरुल इस्लाम की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने इमरान खान से इस बात से इनकार करने को कहा कि उन्हें आईएसआई ने नहीं उतारा है।

उन्होंने कहा कि मैं इमरान से कहता हूं कि वे हमें (सेना द्वारा संरक्षण दिए जाने का) दोष न दें और बताएं कि क्या जनरल इस्लाम ने पीटीआई को सत्ता में लाने की बात की थी। उन्होंने 2014 में पीएम पद से इस्तीफा देने के लिए आईएसआई प्रमुख से मिले मैसेज का र्भी जिक्र किया। कहा कि जब मैंने इनकार किया तो उन्होंने मुझे एक उदाहरण बनाने की धमकी दी थी।

भाई शहबाज की तारीफ की

Pakistan Confessed Crime: शरीफ ने अपने छोटे भाई प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भी हर मुश्किल समय में उनके साथ खड़े रहने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारे बीच मतभेद पैदा करने की कोशिशें की गईं, लेकिन शहबाज मेरे प्रति वफादार रहे। यहां तक ​​कि शहबाज से पहले भी प्रधानमंत्री बनने और मुझे छोड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

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