Ukraine War Russia Loss: कीव रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग के आज 1 साल पूरे हो गए। गत वर्ष 24 फरवरी के दिन रूस की सेना ने यूक्रेन पर 3 तरफ से भीषण हमला बोला था।
सुपरपावर कहे जाने वाले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में पिछले एक साल में पुतिन की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है । रूस को जहां 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, वहीं हथियारों के जखीरे से आधे से ज्यादा टैंक गंवाने पड़े हैं । रूस के 1 लाख से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं ।
Ukraine War Russia Loss: कीव रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग के आज 1 साल पूरे हो गए । गत वर्ष 24 फरवरी के दिन रूस की सेना ने यूक्रेन पर 3 तरफ से भीषण हमला बोला था । रूस की कोशिश थी कि जल्द से जल्द यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करके जेलेंस्की की सत्ता को उखाड़ फेका जाए । रूस ने इसके लिए जहां लाखों की तादाद में सैनिकों को मैदान में उतारा, वहीं मिसाइलों की बारिश करके यूक्रेन के कई शहरों को खंडहर में बदल दिया ।
आज युद्ध के 1 साल बीत जाने के बाद भी रूस अभी तक यूक्रेन में अपने लक्ष्य से कोसों दूर बना हुआ है । विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के हथियारों से लैस यूक्रेन अब रूस के लिए दूसरा’ अफगानिस्तान’ बनता जा रहा है । इस युद्ध में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 63 लाख लोग बेघर हो गए हैं ।
यूक्रेन की मानें तो 130,000 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए
Ukraine War Russia Loss: अमेरिका की पत्रिका न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्ध में पुतिन की सेना को 1 साल में 9 ट्रिलियन डॉलर का भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ा है । पाकिस्तान के कुल 3 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार से 3000 गुना ज्यादा है । वहीं रूस के 300 फाइटर जेट और 6300 से ज्यादा हथियारबंद वाहन तबाह हो गए हैं । यूक्रेन की मानें तो 130,000 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इतने नुकसान की रूस ने कल्पना भी नहीं की थी । इस नुकसान के बाद भी पुतिन ने प्रण किया है कि वह यूक्रेन में युद्ध को जारी रखेंगे । अमेरिका के विल्सन सेंटर में रूसी अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ बोरिस ग्रोजोवस्की का अनुमान है कि रूस का यूक्रेन युद्ध में खर्च अब 9 ट्रिलियन के आंकड़े को पार कर चुका है ।
रूस की सरकार का साल 2022 के लिए कुल खर्च का प्लान
Ukraine War Russia Loss: बोरिस ने कहा कि रूस की सरकार का साल 2022 के लिए कुल खर्च का प्लान 346 अरब डॉलर था जिसमें से 46 अरब डॉलर सेना और36.9 अरब डॉलर पुलिस और फेडरल सिक्यॉरिटी सर्विस पर खर्च किया जाना था । उन्होंने कहा कि पुलिस और एफएसबी का पैसा भी अब सेना को दिया जा रहा है । बोरिस ने अनुमान लगाया है कि 50 फीसदी अधिक खर्च रूस युद्ध में झोक रहा है ।
हालांकि अगर घायल सैनिकों के इलाज और यूक्रेन के कब्जा किए गए इलाके में तैनात शिक्षकों पर कुल खर्च को जोड़ दें तो युद्ध का पूरा खर्च 15 ट्रिलियन रूबल तक पहुंच सकता है । वहीं एक अन्य विशेषज्ञ सीन स्पून्ट्स का कहना है कि बोरिस का यह अनुमान काफी कम है और रूस को इससे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है ।
रूस ने हर दिन 90 करोड़ डॉलर जंग में किए खर्च
Ukraine War Russia Loss: सीन ने यूक्रेन पर हमले के तीसरे महीने में ही अनुमान लगाया था कि रूस हर दिन 90 करोड़ डॉलर जंग में खर्च कर रहा है । उन्होंने कहा,’ हमारा मानना है कि अगर रूस ने एक मिसाइल पर 10 लाख डॉलर खर्च किया है तो उन्होंने इसे बढ़ाकर 20 लाख डॉलर कर दिया है । इसमें 10 लाख डॉलर इसे बनाने और 10 लाख डॉलर उसे रिप्लेस करने पर खर्च किया है ।
रूस को लेकर यह अनुमान लगाया गया है कि उसने यूक्रेन की जंग में अपने आधे टैंक गंवा दिए हैं । कुल,769 युद्धक वाहनों के तबाह होने का अनुमान लगाया गया है । यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि पिछले एक साल में रूस के 1 लाख 30 हजार सैनिक मारे गए हैं । इसके अलावा 6300 युद्धक वाहन और 300 फाइटर जेट तबाह हो गए हैं ।
रूसी जखीरा खाली, दूसरे विश्वयुद्ध के टैंक से लड़ रहा युद्ध
Ukraine War Russia Loss: सीने ने कहा कि रूस के पास पैसा कम होने के बाद उसने वह युद्ध में नष्ट हो चुके हथियारों को बदल नहीं पा रहा है । यही वजह है कि रूस अब यूक्रेन युद्ध में पुराने पड़ चुके टैंकों और युद्धक वाहनों को उतार रहा है । उन्होंने कहा,’ हम देख रहे हैं कि रूस अपने सैनिकों को मूलभूत सप्लाइ भी नहीं मुहैया करा पा रहा है ।
पुतिन को लगा यूक्रेन कमजोर है,कीव की धरती से रूस पर गरजे बाइडेन
हालत यह हो गई है कि रूसी सेना को दूसरे विश्वयुद्ध के समय की राइफल मोसेन नागंट दी जा रही है और मोजे के लिए बहुत रद्दी कपड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है ।’ यही नहीं रूस अपने हथियारों के कारखाने का उत्पादन भी नहीं बढ़ा पा रहा है । रूस ऐसा तभी कर पाएगा जब उसके लिए पैसा और मटिरियल हो । इस बेतहाशा खर्च के बाद भी रूसी राष्ट्रपति युद्ध को जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं । इससे अब यूक्रेन रूस के लिए दूसरा अफगानिस्तान साबित हो रहा है ।
कुछ हद तक रूसी अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है
Ukraine War Russia Loss: इससे पहले सोवियत सेना को तालिबानी आतंकियों ने पश्चिमी हथियारों की मदद से भारी नुकसान पहुंचाया था और उसे भागना पड़ा था । काटो पॉलिसी इंस्टीट्यूट के जार्डन कोहेन कहते हैं,’ न तो यूक्रेन और न ही रूस तब तक वास्तविक रूप से आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, जब तक कि उनके पास कोई विकल्प न बचे ।
यूक्रेन के लिए यह तब होगा जब पश्चिमी देश हथियार देने से मना कर दें । रूस के पास अभी पर्याप्त सैनिक और हथियार हैं जिससे वह जंग लड़ सकता है लेकिन कुछ हद तक रूसी अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है और ज्यादा दिन तक वह युद्ध को समर्थन नहीं दे पाएगी । इससे रूस बातचीत की मेज पर आ सकता है ।
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