Army Officer: शहीद पति के दुःख से उभर कर आर्मी अफसर बनी पत्नी

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Army Officer: जून, 2020 में गलवान घाटी में चीनी सेना की कायरतापूर्ण हरकत ने कई बहादुर सैनिकों को हमसे छीन लिया था । इनमें मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सपूत दीपक सिंह भी शामिल थे । केवल 31 साल की उम्र में दीपक सिंह शहीद हो गए थे

जून, 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह अब सेना में अफसर बनेंगी । उनकी नौ महीने की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और 29 अप्रैल को चेन्नई में पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें सेना में कमीशन मिल जाएगा । इसके बाद वे अपने पति का अधूरा काम पूरा करेंगी । बहू की इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी और गर्व का माहौल है ।

Army Officer
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रीवाः जून, 2020 में गलवान घाटी में चीनी सेना की कायरतापूर्ण हरकत ने कई बहादुर सैनिकों को हमसे छीन लिया था । इनमें मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सपूत दीपक सिंह भी शामिल थे । केवल 31 साल की उम्र में दीपक सिंह शहीद हो गए थे । करीब 12 साल तक सेना में रहकर देश की सुरक्षा करने वाले शहीद दीपक सिंह का अधूरा काम अब उनकी पत्नी पूरा करेंगी ।

Army Officer: वीर चक्र से सम्मानित दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह अब सेना में अफसर बनने वाली हैं । इससे उनके परिवार में खुशी का माहौल है । रेखा सिंह ने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पर्सनैलिटी और इंटेलिजेंस टेस्ट क्लियर किया था । इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी भेजा गया था । उनकी नौ महीने की ट्रेनिंग अब पूरी हो गई है । 29 अप्रैल को पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें सेना में कमीशन दिया जाएगा ।

परिवार में खुशी का माहौल

Army Officer: रेखा सिंह की इस उपलब्धि पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है । शहीद दीपक सिंह के पिता गजराज सिंह किसान हैं । बुजुर्ग गजराज सिंह अब ठीक से बोल नहीं पाते । उनकी मां की पहले ही मौत हो चुकी है, लेकिन दादी जिंदा हैं । दीपक सिंह के बड़े भाई प्रकाश सिंह भी सेना से रिटायर्ड हैं । नवभारतटाइम्स डॉटकॉम से बातचीत में उन्होंने बताया कि पूरा परिवार पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए चेन्नई जाने की तैयारी कर रहा है ।

घर में सहेजकर रखी हैं शहीद की यादें

Army Officer: मौत के बाद वीर चक्र से सम्मानित हुए दीपक सिंह की शहादत को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं । परिवार ने उनकी यादों को सहेजकर रखा हुआ है । उनकी वर्दी, मेडल्स और तस्वीरों को करीने से सजाकर रखा हुआ है ।

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मुश्किल से बोल पाने वाले पिता इन चीजों को देखकर अब भी फफक कर रो पड़ते हैं गुमसुम रहते बेटे के बारे कुछ नहीं बोलते लेकिन उन्हें गर्व का एहसास भी है । बहू की उपलब्धि पर वे फूले नहीं समा रहे । 29 अप्रैल को पिता एवं बड़े भाई प्रकाश सिंह पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए चेन्नई जाएंगे ।

शादी के बाद एक बार पत्नी से मुलाकात

Army Officer: रेखा सिंह से शादी के करीब तीन महीने बाद दीपक सिंह की पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी । पोस्टिंग करीब पांच महीने बाद ही वे शहीद हो गए । आठ महीने की शादीशुदा जिंदगी में एक बार ही उनकी मुलाकात पत्नी से हो पाई थी । वे होली की छुट्टियों में घर आए थे । तब उन्होंने जल्दी ही दोबारा आने का वादा किया था । अपनी जुबान के पक्के दीपक यह वादा पूरा नहीं कर पाए थे । इसके करीब तीन महीने बाद ही उनकी शहादत की खबर आ गई थी ।

गहने और शॉल का इंतजार करती रह गईं पत्नी

Army Officer: गलवान घाटी में मुठभेड़ से ठीक पहले दीपक सिंह की फोन पर पत्नी से बात हुई थी । तब उन्होंने कहा था कि वे उनके लिए गहने और कश्मीरी शॉल लेकर आएंगे । पत्नी रेखा इसका इंतजार ही करती रह गईं । पति उन्हें गहने और शॉल तो नहीं दे पाए, लेकिन खुद शहीद होकर देश की सेवा करने का अवसर जरूर दे दिया ।

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