Stop Child Marriage: बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने चलाया जागरूकता अभियान

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Stop Child Marriage: महिला एवं विकास विभाग ने बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए जिला में जागरूकता अभियान चलाया हुआ है। आज इसी उद्देश्य से बाल संरक्षण अधिकारी, आंगनबाडी कार्यकताओं व सुपरवाईजर ने गांव-गांव में महिलाओं और बच्चों को बाल विवाह रोकने के लिए जनचेतना अभियान चलाया।

 

Stop Child Marriage
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महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी गीता सहारण ने कहा है कि बाल विवाह कानूनी अपराध है। शादी के लिए वर-वधू की आयु 21 और 18 साल होनी चाहिए। दोनों में से किसी एक की भी इससे कम उम्र है तो उसको बाल विवाह माना जाएगा।

सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा

Stop Child Marriage: जिसकी सूचना नजदीक के पुलिस थाना चौकी, आंगनबाड़ी, वर्कर, जिला बाल कल्याण अधिकारी, बाल सरंक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, एसडीएम, तहसीलदार या जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी के मो. नंबर 8607222475, पुलिस कन्ट्रोल रूम नंबर 112 व100,चाईल्ड हेल्पलाइन 1098 या महिला हैल्पलाइन 1091 पर दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

इस कानून में दो साल की सजा व एक लाख रूपये जुर्माना

Stop Child Marriage: उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल शनिवार को अक्षय तृतीया यानि अखा तीज है। इस दिन अनगिनत शादियां होती हैं, जिनमें बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत बाल विवाह करना कानून अपराध है। इस अधिनियम के अनुसार वधू की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक तथा वर की उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
Stop Child Marriage: सरकार द्वारा निर्धारित उम्र से पहले युवाओं का विवाह किया जाता है तो यह बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कानूनी अपराध है। इस एक्ट के तहत बाल विवाह में शामिल होने वाले सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही की जाती है। इस कानून में दो साल की सजा व एक लाख रूपये जुर्माना किए जाने का प्रावधान है।

कोई भी व्यक्ति झूठी शिकायत न करें

Stop Child Marriage: गीता सहारण ने कहा है कि अपने आसपास किसी बाल विवाह का आयोजन ना होने दें। विवाह के दौरान पंडित या पुजारी अथवा पंचायत प्रतिनिधि दुल्हा व दुल्हन की आयु का प्रमाण पत्र देख सकते हैं। पंडित और बैंक्वेट हॉल संचालक वर-वधू की आयु प्रमाण पत्र की एक प्रति अपने पास भी रखें। बाल विवाह का ठोस प्रमाण होने पर ही इसकी शिकायत करें अन्यथा झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति झूठी शिकायत न करें।

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