Blood Delivery From Drone: अब ड्रोन से अस्पतालों तक पहुंच सकेगा ब्लड, ट्रायल रहा सफल, स्वास्थ्य मंत्री ने किया ट्वीट

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Blood Delivery From Drone: नोएडा के एक अस्पताल में ड्रोन की मदद से एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल 10 यूनिट ब्लड भेजा गया. यह एक तरह का पायलट प्रोजेक्ट था, जिसका परिणाम सफल रहा. इस दौरान ड्रोन से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी 15 मिनट में तय की गई है

इस ट्रायल के दौरान GIMS अस्पताल से नोएडा के सेक्टर 62 में जेपी इंस्टिट्यूट तक ब्लड भेजा गया. यह दूरी लगभग 35 किलोमीटर की थी. इसी तरह लेडी हार्डिंग अस्पताल से भी ब्लड को जेपी इंस्टीट्यूट तक भेजा गया. ड्रोन से ब्लड ले जाने के वीडियो को खुद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया है.

Blood Delivery From Drone
Blood Delivery From Drone

नोएडा: नोएडा के एक अस्पताल में ड्रोन की मदद से एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल 10 यूनिट ब्लड भेजा गया( Blood Delivery Through Drone). यह एक तरह का पायलट प्रोजेक्ट था, जिसका परिणाम सफल रहा. इस दौरान ड्रोन से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी 15 मिनट में तय की गई है.

Blood Delivery From Drone: दरअसल ड्रोन भारत की एक नई शक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. कोरोना काल में ड्रोन से कई दूरदराज के इलाकों में वैक्सीनेशन( Vaccination Delivery Through Drone) पहुंचाई गई थी. अब इसी ड्रोन के जरिए इमरजेंसी केस में ब्लड को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

GIMS अस्पताल से नोएडा के सेक्टर 62 में जेपी इंस्टिट्यूट तक ब्लड भेजा गया

Blood Delivery From Drone: इसके लिए एक ट्रायल किया गया जिसे DG आईसीएमआर ने शुरू किया. इस ट्रायल के दौरान GIMS अस्पताल से नोएडा के सेक्टर 62 में जेपी इंस्टिट्यूट तक ब्लड भेजा गया. यह दूरी लगभग 35 किलोमीटर की थी. इसी तरह लेडी हार्डिंग अस्पताल से भी ब्लड को जेपी इंस्टीट्यूट तक भेजा गया. ड्रोन से ब्लड ले जाने के वीडियो को खुद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया है.

एंबुलेंस से भी भेजा गया था ब्लड

Blood Delivery From Drone: ट्रायल के रिजल्ट बेहद शानदार मिले. 35 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन के साथ- साथ एंबुलेंस से भी ब्लड भेजा गया. एंबुलेंस से ब्लड को उसी जगह पहुंचने में लगभग 1 घंटे 15 मिनट का वक्त लगा तो वहीं ड्रोन से यह दूरी महज 10 से 15 मिनट में पूरी हो गई.

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ट्रायल के बाद ये भी पाया गया कि ड्रोन के जरिए ब्लड को ट्रांसपोर्ट करने से ब्लड में भी कोई बदलाव नहीं आया है. मतलब उसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि ब्लड पर ड्रोन के वाइब्रेशन और टेंपरेचर का कोई असर नहीं पड़ा.

भविष्य में ऑर्गन ट्रांसपोर्ट का प्लान

Blood Delivery From Drone: ब्लड को ड्रोन के जरिए ट्रांसपोर्ट करने के प्रोजेक्ट पर आईसीएमआर काफी लंबे समय से काम कर रहा था. आईसीएमआर के साथ इस प्रोजेक्ट में दिल्ली का लेडी हार्डिंग अस्पताल और ग्रेटर नोएडा का जिम्स अस्पताल भी शामिल है. जिम्स के डायरेक्टर डॉक्टर ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता बताते हैं कि आने वाले वक्त में ड्रोन के जरिए ऑर्गन ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकेगा. अभी एक जगह से दूसरी जगह ऑर्गन को ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार करना पड़ता है.

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