Son Was Burnt: दोपहर के 2.30 बजे थे…आंगन में महिलाएं शादी के गीत गा रही थीं। दूल्हा अपने दोस्तों के साथ कमरे में तैयार हो रहा था। दो घंटे बाद बारात रवाना होनी थी। घर के बाहर 150 बाराती दूल्हे के तैयार होने का इंतजार कर रहे थे।
किसी को नहीं पता था अगले कुछ पलों में उनके साथ वो होगा, जिसकी कल्पना उन्होंने किसी डरावने सपने में भी नहीं की होगी। दूल्हे के कमरे के बाहर रखे दो सिलेंडर में लीकेज था और गैस रिस रही थी। 10 मिनट में गैस घर के पीछे तक पहुंच गई, जहां भट्टियों पर खाना बन रहा था।
Son Was Burnt: शादी के मंगल गीतों और हंसी ठिठोली के बीच अचानक दूल्हे के कमरे के बाहर रखे दो सिलेंडर में ब्लास्ट होता है और पूरे घर में आग फैल जाती है। देखते ही देखते घर में मौजूद 60 लोग आग की चपेट में आ गए। बचकर भाग भी नहीं पाए, क्योंकि बाहर निकलने का रास्ता आग की लपटों में घिरा हुआ था। जहां कुछ पल पहले शादी के गीतों का संगीत था, वहां अब सिर्फ चीख-पुकार थी।
हादसे के 5 बड़े कारण
- तीन परिवार की ढाणी है, सिलेंडर खुले में पड़े थे इसलिए लीकेज का पता नहीं चला।
- घर के पीछे के हिस्से में खाना बन रहा था, लीकेज गैस वहां तक पहुंची यानी घर के आगे और पीछे का हिस्सा आग की चपेट में था।
- सिलेंडर जहां लीकेज हुआ और जहां खाना बन रहा था वहां की दूरी महज 10 से 15 फीट की थी।
- गेट पर रखे सिलेंडर ब्लास्ट हो गए, बचने का रास्ता नहीं निकला।
इस हादसे में बचे सांग सिंह ने बताया कैसे लोग आग की लपटों में घिरे रहे…
Son Was Burnt: सांग सिंह एक-एक सामान को संभाल रहे थे। दूल्हा जिस कमरे में तैयार हो रहा था उसकी दीवारें आग की लपटों से काली हो गई थी। घर में बर्तन और शादी में लेन-देन के कपड़े बिखरे थे। दूल्हे सुरेंद्र सिंह के पिता सगत सिंह समेत तीन भाइयों का परिवार खेत के पास बने ढाणी में ही रहता है।
उनके दो बड़े भाई हमीर सिंह व नरपत सिंह का स्वर्गवास हो चुका है। दोनों भाइयों के परिवारों के भी सभी सदस्य आग की चपेट में आ गए हैं। आस-पास के 15 से 20 परिवारों में से कोई न कोई सदस्य झुलस गया है। घर की काली दीवारों और जले सामान को देख सांग सिंह के आंसू नहीं रुक रहे हैं…बोले- गुरुवार शाम 4 बजे बारात जानी थी। बारात जाने से पहले पाट बैठाई की रस्म होती है। इसके बाद नामा लिखा जाता है।
महिलाएं घर के आंगन में बैठी थी।
Son Was Burnt: घर के बाहर भी 100 से 150 लोग थे। भाई सुरेंद्र सिंह घर के मुख्य गेट के पास बने कमरे में तैयार हो रहा था। सभी उसी का इंतजार कर रहे थे। कमरे में उसके दोस्त और फोटोग्राफर थे। महिलाएं घर के बाहर बन्ने-बन्नी के गीत गा रहीं थी। मैं शादी की व्यवस्थाओं में लगा हुआ था। जब घर से निकला तो सुरेंद्र सिंह शेरवानी पहन चुका था। मैं कहकर गया था कि भाई थोड़ा जल्दी करना सभी इंतजार कर रहे हैं। दोस्त उसे साफा पहनाने की तैयारी कर रहे थे।
धमाके की आवाज से पीछे पलट कर देखा तो आंखे फटी रह गई।
Son Was Burnt: घर से आग की लपटें उठ रही थीं। कुछ समझ पाता इतनी देर में चीखों ने मेरा दिमाग सुन्न कर दिया। मैं दौड़ा इतने में घर के बाहर खड़े लोगों ने मुझे पकड़ लिया। मैं कहता रहा मुझे जाने दो…अंदर मेरा भाई, बेटा, मां, भाभी और पूरा परिवार है लेकिन मुझे रोके रखा, क्योंकि आग इतनी भयंकर थी कि यदि मैं गलती से भी चला जाता तो शायद ही सही सलामत बाहर आ पाता। मेरे पास चीखने चिल्लाने के अलावा और कुछ भी नहीं बचा था।
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Son Was Burnt: सुरेंद्र के कमरे के बाहर रखे दो सिलेंडर में ही सबसे पहले लीकेज हुआ और वे ही ब्लास्ट हुए। बाहर निकलने की जगह तक नहीं बची थी। तभी कुछ ही देर में जब घर से जलती हुई महिलाओं और बच्चों को देखा तो पैरों से जमीन खिसक गई। परिवार के लोगों के चेहरे सामने आने लगे। चीखें सुन ऐसा लग रहा था कि जैसे वो मुझे बचाने के लिए आवाज दे रहे हैं और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूं।
दीवार तोड़ कर निकाला
Son Was Burnt: सांग सिंह ने बताया कि घर में चार सिलेंडर पड़े थे। मैन गेट पर दो और बाकी दो सिलेंडर पर घर के पिछले वाले हिस्से में रखा था। जहां खाना बन रहा था। रसोई में जल रही भटि्टयों से आग गेट पर रखे सिलेंडर तक पहुंची। पूरा घर आग की लपटों से घिरा था। बचने की जगह नहीं थी तो मौके पर मौजूद लोगों ने दीवार तोड़ कर घरवालों को बाहर निकाला। साथ ही आग बुझाने के लिए सुरेंद्र के कमरे की दीवारें तोंड़ी। जैसे-तैसे घर में घुसे और छत पर गए। यहां से पानी फेंका। पास के गांव से पानी के टैंकर मंगवाए गए।
बेटे और भतीजी को खो चुका, बारात वाली गाड़ियों में लोगों को पहुंचाया
Son Was Burnt: सांग सिंह ने बताया जब आग काबू में आई और घर में घुसे तो देखा कि लोग इतने जले हुए थे कि शक्ल पहचान में नहीं आ रही थी। गांव लोगों की मदद से इन्हें बाहर निकाला गया। जिन गाड़ियों में बारात जानी थी उन्हीं में बच्चों की लाशें और आग से जले हुए लोग हॉस्पिटल पहुंचे। आग की लपटों ने मेरे बेटे रजत और भतीजी खुशबू को छीन लिया।
पूरा परिवार हॉस्पिटल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। घर का कोई कोना या सामान नहीं बचा जो आग की चपेट में नहीं आया। पलभर में पूरी खुशियां बर्बाद हो गई। मुझे अब भी नहीं पता कि किसकी क्या हालात है बस इतना पता है कि वे अब भी आग के दर्द से तड़प रहे हैं।
दो धमाके हुए, जलते हुए लोग बाहर आए
Son Was Burnt: परिवार के सदस्य सुजानसिंह ने बताया कि एक के बाद एक दो धमाके हुए। पहला धमाका सुनते ही हम घर से बाहर आए। घर में जाने की कोशिश की, लेकिन गेट पर आग होने की वजह से अंदर नहीं जा सके। कुछ ही समय में दूसरा धमाका हो गया। हम लोग आग की लपटें कम होने का इंतजार कर रहे थे कि जलते हुए लोग बाहर आने लगे।
परिवार के सदस्य सुजानसिंह ने बताया कि एक के बाद एक दो धमाके हुए। पहला धमाका सुनते ही हम घर से बाहर आए। घर में जाने की कोशिश की, लेकिन गेट पर आग होने की वजह से अंदर नहीं जा सके। कुछ ही समय में दूसरा धमाका हो गया। हम लोग आग की लपटें कम होने का इंतजार कर रहे थे कि जलते हुए लोग बाहर आने लगे।
सगत सिंह की भांजी जगत कंवर ने बताया कि पास वाले मकान में बारात के लिए तैयार होने आए थे तभी धमाके की आवाज आई। दौड़ते हुए घर से बाहर आए तो देखा कि घर में से आग की लपटें निकल रही थी सभी जलते हुए बाहर आ रहे थे। ऐसा मंजर कभी नहीं देखा।
8 लोगों की जान चली गई है, जबकि 40 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर
Son Was Burnt: जोधपुर में शादी के घर में हुए सिलेंडर ब्लास्ट में आज सुबह इलाज के दौरान तीन महिलाओं की मौत हो गई। गुरुवार को हुए इस हादसे में अब तक 4 बच्चों सहित कुल 8 लोगों की जान चली गई है, जबकि 40 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर है। सभी का जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घायलों से मिलने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे। सुबह जोधपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसकी जांच होगी। आज सुबह सांसद हनुमान बेनीवाल भी घायलों से मिले थे। इस भीषण हादसे में करीब 20 परिवारों के 60 से ज्यादा लोग झुलसे हैं।
7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता
Son Was Burnt: मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी जो घायल है उनका इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। साथ में मृतकों के परिजनों को को चिरंजीवी के तहत 5 लाख और सीएम रिलीफ फंड से दो लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी
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