Pension Of Government Employees: देश में पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम( Pension Scheme) को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच जोरदार रस्साकस्सी देखने को मिल रही है. हर गैर- बीजेपी शासित राज्यों में विपक्ष ये मुद्दा उछाल रहा है.
पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की मांग करने कर्मचारियों के लिए खुशी खबर है. विपक्ष लगातार पुरानी पेंशन स्कीम को मुद्दा बनाता रहा है. देश में एक जनवरी 2004 से NPS यानी नई पेंशन स्कीम लागू है.
देश में पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम( Pension Scheme) को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच जोरदार रस्साकस्सी देखने को मिल रही है. हर गैर- बीजेपी शासित राज्यों में विपक्ष ये मुद्दा उछाल रहा है.
Pension Of Government Employees: हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन को बड़ा मुद्दा बनाया था और सरकार बनने के बाद इसे लागू करने का ऐलान भी कर दिया है. अब शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है.
वित्त सचिव के नेतृत्व में कमेटी
Pension Of Government Employees: वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी. यह कमेटी नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करेगी. वित्त मंत्री ने लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश किया और हंगामें के बीच ही इस पर वोटिंग हुई. लोकसभा में फाइनेंस बिल को पास करा लिया गया.
नई और पुरानी पेंशन स्कीम में अंतर
Pension Of Government Employees: देश में एक जनवरी 2004 से NPS यानी नई पेंशन स्कीम लागू है. दोनों पेंशन के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं. पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है.
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क्योंकि पुरानी स्कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार होता है. इसके अलावा पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा कटने का प्रावधान नहीं है.
पुरानी पेंशन योजना में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है. सबसे खास बात पुरानी पेंशन स्कीम में हर 6 महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है, यानी जब सरकार नया वेतन आयोग( Pay Commission) लागू करती है, तो भी इससे पेंशन( Pension) में बढ़ोतरी होती है.
कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं
Pension Of Government Employees: नई पेंशन स्कीम( NPS) का निर्धारण कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न के अनुसार होता है. इसमें कर्मचारी का योगदान उसकी बेसिक सैलरी और DA का 10 फीसदी कर्मचारियों को प्राप्त होता है. इतना ही योगदान राज्य सरकार भी देती है.
एक मई 2009 से एनपीएस स्कीम सभी के लिए लागू की गई. पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. NPS में कर्मचारियों की सैलरी से 10 की कटौती की जाती है. पुरानी पेंशन योजना में GPF की सुविधा होती थी, लेकिन नई स्कीम में इसकी सुविधा नहीं है.
नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं
Pension Of Government Employees: पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से होता है. वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें बाजार की चाल के अनुसार भुगतान किया जाता है.
नई पेंशन स्कीम पर रिटर्न अच्छा रहा तो प्रोविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अच्छा पैसा मिल सकता है. क्योंकि ये शेयर बाजार पर निर्भर रहता है. लेकिन कम रिटर्न की स्थिति में फंड कम भी हो सकता है.
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