Fraud of Fake MNREGA: कुछ लोग हैं जो गरीबों का हक मारने से बाज नहीं आ रहे हैं और सरकारी धन की जमकर बंदरबाट कर रहे हैं. मामला बस्ती जनपद का है जहां फर्जी मनरेगा मजदूरों का फर्जीवाड़ा सामने आया है.
मनेरगा स्कीम में बड़े फर्जीवाड़े की खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. कार्रवाई की जा रही है और आरोप लग रहे हैं कि प्रधान व सचिवों ने इस फर्जीवाड़े को हवा दी है. कैसे मजदूरों का हक मारा जा रहा है और अब विभाग इस पर क्या कह रहा है?

बस्ती. कुछ लोग हैं जो गरीबों का हक मारने से बाज नहीं आ रहे हैं और सरकारी धन की जमकर बंदरबाट कर रहे हैं. मामला बस्ती जनपद का है जहां फर्जी मनरेगा मजदूरों का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां जांच में लगभग 60 हज़ार की संख्या में मनरेगा मजदूर फर्जी पाए गए हैं.
6 लाख से ज्यादा मजदूरों में से कई के एनरोलमेंट फर्जी पाए
Fraud of Fake MNREGA: प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उनके जॉब कार्ड को तुरन्त निरस्त कर दिया है. बस्ती जनपद में कुल 6 लाख 77 हजार 797 मजदूर एनरोल्ड हैं, जिनको शासन के निर्देश पर वर्ष में 100 दिन गारंटी रोज़गार दिए जाने का दावा सरकार का है.
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विकास कार्य कराने व गांवों में मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चलाई जा रही. बस्ती जनपद में कुल 6 लाख से ज्यादा मजदूरों में से कई के एनरोलमेंट फर्जी पाए जाने से तो हड़कंप मचा ही है, यह भी आरोप है कि फर्जीवाड़ा प्रधान व सचिवों के साथ मिलीगभगत से हुआ है.
कैसे हुआ डेढ़ लाख फर्जी जाॅब कार्डों का खुलासा?
Fraud of Fake MNREGA: आयेदिन आ रही शिकायतों को देखते हुए प्रशासन ने जब आधार कार्ड और जॉब कार्ड लिंक का सत्यापन करवाया, तो उनमें से 1 लाख 50 हज़ार जॉब कार्ड फर्जी पाए गए. या तो इनका आधार लिंक नहीं था या जॉब कार्ड मेल नहीं खा रहा था. इसको देखते हुए प्रशासन द्वारा अभी तक 60 हज़ार जॉब कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं और आगे ये जांच चालू है.
सीडीओ बस्ती राजेश प्रजापति ने बताया कि मनरेगा जॉब कार्ड का हर वर्ष सत्यापन किया जाता है. उसी क्रम में इस वर्ष भी सत्यापन किया गया है. सत्यापन में जॉब कार्ड और आधार मैच न करने के कारण 60 हजार जॉब कार्ड निरस्त किए गए हैं, आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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