Gang For Kidnapping: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो सड़क किनारे ही गुजर- बसर करने वाले परिवारों के बच्चों को अगवा करके बेच बेच दिया करता था. पुलिस ने अपहरणकर्ता गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने बताया कि नवजात बच्चों के अपहरण करने वाला गिरोह पकड़ा गया है, जो सड़क किनारे सोने वाले गरीब और भिखारी लोगों के नवजात बच्चों को अगवा करता था. अप्रैल और मई के महीने में इस गैंग ने दो वारदातों को अंजाम दिया.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो सड़क किनारे ही गुजर- बसर करने वाले परिवारों के बच्चों को अगवा करके बेच बेच दिया करता था. पुलिस ने अपहरणकर्ता गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग अंतर्राज्यीय स्तर का बताया जा रहा है, जिसमें महिलाएं भी शामिल है. 14 मई को एक बच्चे के अपहरण का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस इस मामले में सक्रिय हुई थी.
Gang For Kidnapping: वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने बताया कि नवजात बच्चों के अपहरण करने वाला गिरोह पकड़ा गया है, जो सड़क किनारे सोने वाले गरीब और भिखारी लोगों के नवजात बच्चों को अगवा करता था. उन्होंने बताया कि अप्रैल और मई के महीने में इस गैंग ने दो वारदातों को अंजाम दिया है.
पुलिस की गिरफ्त में गैंग के कई सदस्य
Gang For Kidnapping: पहली घटना शहर के नदेसर इलाके की है तो दूसरी घटना भेलूपुर इलाके की. अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस ने नवजात बच्चों के अपहरणकर्ता गिरोह से 3 बच्चे भी बरामद किए है. भेलूपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामचंद्र शुक्ल चौराहे से 14 मई को अपहरण होने वाली घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई थी. जिसमें एक सफेद रंग की आर्टिगा गाड़ी शामिल थी. गाड़ी से उसके ड्राइवर का पता चला जो मूल रूप से बिहार का है.
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आरोपी का नाम संतोष है. वो बनारस में किराए के मकान में रहता है. संतोष का दूसरा साथी भी गिरफ्तार हुआ है, जो बच्चों को उठाने यानी लिफ्टिंग का काम करता था. संतोष के साडू संजय मोदनवाल और उसकी पत्नी शिखा भी इस अपहरण की घटना में मददगार थे. संतोष एक ओर साथी विनय मिश्रा भी पकड़ा गया. जिसे जेल भेजा जा चुका है. संजय मोदनवाल की पत्नी शिखा भी पकड़ी गई है.
एक से 5 लाख रुपये में होती थी डील
Gang For Kidnapping: अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने बताया कि यह गैंग बच्चों का अपहरण करने के बाद एक से 5 लाख रुपयों तक उनका सौदा करता था. ये ऐसे लोगों को बच्चे बेचते थे, जो निसंतान होते हैं. यह गैंग बच्चों को चोरी करके झारखंड और राजस्थान में भी बेचता था.
गिरोह के पकड़े गए सदस्यों की निशानदेही पर दो बच्चों की बरामदी की जा चुकी है. एक 14 मई को भेलूपुर थाना क्षेत्र से अगवा किया गया बच्चा है, वहीं एक बच्चे को मिर्जापुर के विंध्याचल से अगवा किया गया था. मिर्जापुर से गैंग ने भाई- बहन को उठाया था, लेकिन सिर्फ अभी एक ही बच्चे की बरामदगी की गई है. दूसरे बच्चे की तलाश जारी है.
अब तक इस गैंग ने कुल 7 बच्चे अगवा किए
Gang For Kidnapping: अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि अब तक इस गैंग ने कुल 7 बच्चे अगवा किए हैं. जिनमें से दो प्रयागराज, दो मिर्जापुर और तीन बनारस के हैं. इस गिरोह में ड्राइवर संतोष, बच्चों को उठाने का काम करने वाला विनय मिश्रा, शिखा मोदनवाल जो जो गैंग की मुख्य सूत्रधार है और यही बच्चों को बेचने से लेकर पैसे के लेन- देन का हिसाब रखती है. इसके अलावा, झारखंड से यशोदा और मुकेश को गिरफ्तार किया गया है.
झारखंड के गिरिडीह से महेश राणा और सुनीता राणा को भी गिरफ्तार किया गया है, जो बच्चों के खरीदार बताए गए हैं. महेश राणा का साढ़ू जिसका नाम भी महेश राणा है, उसके भी गिरफ्तारी कोडरमा बिहार से हुई है. इसके अलावा राजस्थान का सूत्रधार मनीष जैन भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 4 मई को वाराणसी के नगवा इलाके से भी एक बच्ची को अगवा किया गया था. उसके अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
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