Mudra Loan Scheme: युवाओं को मोदी सरकार का तोहफा, मोदी सरकार बांटेगी 147 करोड़ रुपये का लोन

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Mudra Loan Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश के युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है और इस प्रयास को सफल बनाने में मुद्रा लोन योजना कारगर साबित हो रही है. मोदी सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-2024 में शिशु, तरूण और किशोर तीनों कैटेगिरी में 147 करोड़ का कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा गया है.

केंद्र सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने और उनको रोजगार मुहैया कराने के लिए साल 2015 के अप्रैल से मुद्रा लोन योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत शिशु श्रेणी में 50 हजार रुपये तक लोन देने का प्रावधान है.

Mudra Loan Scheme
Mudra Loan Scheme

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश के युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है और इस प्रयास को सफल बनाने में मुद्रा लोन योजना कारगर साबित हो रही है. मोदी सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-2024 में शिशु, तरूण और किशोर तीनों कैटेगिरी में 147 करोड़ का कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा गया है. जबकि जून के महीने तक 29.87 करोड़ रुपये का कर्ज युवाओं को बांटा जा चुका है.

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शिशु श्रेणी में 50 हजार रुपये तक लोन देने का प्रावधान

Mudra Loan Scheme: केंद्र सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने और उनको रोजगार मुहैया कराने के लिए साल 2015 के अप्रैल से मुद्रा लोन योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत शिशु श्रेणी में 50 हजार रुपये तक लोन देने का प्रावधान है. इस कैटेगरी में 103.09 करोड़ रुपये ऋण के तौर पर बांटने का लक्ष्य है. इसमें से 6.17 करोड़ का लोन दिया जा चुका है. किशोर कैटेगरी में 50 हजार से 5 लाख कर्ज देने का प्रावधान है. इस साल इस कैटेगरी के तहत 29.16 करोड़ का कर्ज देने का लक्ष्य है. अभी तक 18.21 करोड़ का लोन बांटा जा चुका है.

तरूण कैटेगरी में सर्वाधिक 5 लाख से 10 लाख तक का ऋण देने का प्रावधान

Mudra Loan Scheme: इसके अलावा तरूण कैटेगरी में सर्वाधिक 5 लाख से 10 लाख तक का ऋण देने का प्रावधान है. इसमें 14.94 करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य है. जिसमें से अबतक 11.66 करोड़ का लोन दिया जा चुका है. कैटेगरी के तहत विभिन्न बैंकों ने युवाओं को ऋण तो दे दिया है, लेकिन इनमें से कई युवा ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले तीन माह से स्टालमेंट ही जमा नहीं कराया है. अब बैंकरों को एनपीए का डर सता रहा है.

बता दें कि मुद्रा लोन योजना के तहत साल 2021-22 में 122 करोड़ रुपये लोन देने का लक्ष्य ता लेकिन अलग-अलग बैंकों ने 163.75 करोड़ का ऋण दिया था, जो कि साल 2020-21 की तुलना में 41 करोड़ अधिक था. वहीं लोग समय पर इंस्टालमेंट जमा नहीं कर रहे हैं.

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