Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: शंभू बॉर्डर से आज निकाली जाएगी अस्थि कलश यात्रा, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघ के आह्वान पर

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Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: दिल्ली में किसान महापंचायत करने के दो दिन बाद आज शंभू बॉर्डर से अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघ के आह्वान पर निकाली जा रही यह यात्रा चंडीगढ़ समेत हरियाणा के कई जिलों से होकर गुजरेगी। शुभकरण सिंह की अस्थियों को शंभू बॉर्डर लाया जा रहा है।

बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की 21 फरवरी को गोली लगने से जान चली गई थी। आज शंभू बॉर्डर से अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत होगी। शुभकरण सिंह की अस्थियों का कलश शंभू बॉर्डर लाया गया है। यह कलश यात्रा (Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra) कई जिलों से होकर गुजरेगी।

Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra
Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra

दिल्ली में किसान महापंचायत करने के दो दिन बाद आज शंभू बॉर्डर से अस्थि कलश यात्रा(Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra) निकाली जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघ के आह्वान पर निकाली जा रही यह यात्रा चंडीगढ़ समेत हरियाणा के कई जिलों से होकर गुजरेगी। शुभकरण सिंह की अस्थियों को शंभू बॉर्डर लाया जा रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यात्रा के दौरान बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी आक्रोश जताया जाएगा।

शंभू बॉर्डर से इस अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत

Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की 21 फरवरी को गोली लगने से जान चली गई थी। किसान नेताओं का आरोप है कि हरियाणा पुलिस की गोली से ही शुभकरण की मौत हुई है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल शुक्रवार को शुभकरण के गांव बल्लों पहुंचे और शुभकरण सिंह के अस्थियां कलश लेकर आ गए।

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Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: उन्होंने कहा कि यह अस्थि कलश यात्रा विभिन्न जिलों से होकर गुजरेगी। तय शेड्यूल के तहत आज शंभू बॉर्डर से इस अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत होगी। पंचकूला से होते हुए यह यात्रा चंडीगढ़ तक जाएगी। इसके अलावा यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल में भी यह यात्रा निकाली जाएगी।

शहीदी समागम का होगा आयोजन

Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: किसान नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों की याद में शहीदी समागम का आयोजन किया जाएगा। 22 मार्च को हिसार में और 31 मार्च को अंबाला में शहीदी समागम कर इन किसानों की शहादत को याद किया जाएगा। साथ ही, जनता के समक्ष भी सरकार की पोल खोली जाएगी।

क्या यह किसान आंदोलन को जिंदा करने की कोशिश

Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: बता दें कि खाप पंचायत ने एक दिन पहले किसान संगठनों को अल्टीमेटम दिया था कि अगर दो दिन में सरकार के खिलाफ एकजुट नहीं होते तो हम अलग होने का निर्णय ले सकते हैं। दरअसल, खाप पंचायत ने यह अल्टीमेटम इसलिए दिया था क्योंकि लग रहा है कि किसान नेताओं में एकजुटता न होने के कारण किसान आंदोलन ठंडा हो चुका है। दिल्ली में 14 मार्च को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था।

किसानों से किया आह्वान

Shubhakaran Sing Ashti Kalash Yatra: इसमें किसान नेताओं ने सरकार पर जमकर हमला बोला और किसानों से आह्वान किया कि आंदोलन तेज करें। मतलब यह है कि किसान नेता भी जानते हैं कि पिछले किसान आंदोलन के मुकाबले इस बार का आंदोलन मुखर नहीं हो सका है। शायद यही कारण है कि किसान आंदोलन में नई जान फूंकने के लिए शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है। अब देखना होगा कि यह मुहिम सफल हो पाती है या फिर नई रणनीति बनानी होगी।

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