Thak Thak Gang: पी विजय साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल में आराम से बैठा था और उसकी नजरें किसी ‘बड़े शिकार’ की तलाश में थीं. उसने एक व्यक्ति को निशाने पर रखा और पार्किंग तक उसका पीछा किया. जैसे ही कार वहां से निकली, उसने हमला कर दिया.
डीसीपी संजय भाटिया ने कहा, “हमने संदिग्धों के संभावित ठिकानों की पहचान की और विजय के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई. हमें टिप मिली कि ठक-ठक गिरोह का एक सदस्य अपने अगले अपराध के लिए मदनगीर में होगा. हमने योजना बनाई और आरोपी को पकड़ लिया.”
नई दिल्ली: पी विजय साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल में आराम से बैठा था और उसकी नजरें किसी ‘बड़े शिकार’ की तलाश में थीं. उसने एक व्यक्ति को निशाने पर रखा और पार्किंग तक उसका पीछा किया. जैसे ही कार वहां से निकली, उसने हमला कर दिया. विजय ने या तो दुर्घटना का नाटक किया, वाहन का रियर-व्यू मिरर तोड़ दिया या दावा किया कि तेल रिसाव हुआ था. जैसे ही कार में बैठा व्यक्ति बाहर निकला, एक साथी ने ड्राइवर का ध्यान भटका दिया. इस दौरान उसने कार में जो कुछ भी देखा, उसे उठा लिया. अक्सर यह सामान एक लैपटॉप होता है और वह भीड़ में गायब हो गया.
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50 से अधिक चोरियों को दिया अंजाम
Thak Thak Gang: टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार विजय और उसके साथियों ने दक्षिणी दिल्ली और आसपास के इलाकों में 50 से अधिक चोरियों में यह तरीका अपनाया. हालांकि, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को वे मात नहीं दे सके. स्पेशल पुलिस कमिश्नर (क्राइम) रवींद्र यादव ने खुलासा किया कि अपराधी को अपराध शाखा के डीसीपी संजय भाटिया द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन के बाद पकड़ा गया था. उसके पास से तीन लैपटॉप और एक दोपहिया वाहन बरामद किया गया. पुलिस अब विजय के साथियों की तलाश कर रही है.
नशे की लत ने बनाया चोर
Thak Thak Gang: नशे की लत की वजह से अनपढ़ विजय ने चोरी करना शुरू कर दिया. वह ट्रैफिक सिग्नल पर कारों को निशाना बनाता, कार में बैठे लोगों का ध्यान भटकाता और चीजें चुराकर भाग जाता. पुलिस सीसीटीवी फुटेज से उसकी तस्वीर हासिल करने में कामयाब रही, लेकिन विजय कई महीनों तक पकड़ में नहीं आया.
ऐसे चलाया ऑपरेशन
Thak Thak Gang: रवींद्र यादव ने बताया, “पुलिस टीम ने मामलों का विवरण एकत्र किया और पाया कि विजय ने ठक-ठक गिरोह की कार्यप्रणाली का इस्तेमाल किया. आपराधिक समूह जो लोगों से चोरी करते समय ध्यान भटकाने के लिए भ्रामक रणनीति का इस्तेमाल करते हैं.” डीसीपी संजय भाटिया ने कहा, “हमने संदिग्धों के संभावित ठिकानों की पहचान की और विजय के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई. हमें टिप मिली कि ठक-ठक गिरोह का एक सदस्य अपने अगले अपराध के लिए मदनगीर में होगा. हमने योजना बनाई और आरोपी को पकड़ लिया.”
14 मामले सुलझे
Thak Thak Gang: पुलिस ने बताया कि विजय की गिरफ्तारी से करीब 14 मामले सुलझ गए हैं. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने एक ग्रुप में काम करने, ‘सुरक्षित लक्ष्यों’ का चयन करने और ड्राइवरों और कार में बैठे लोगों का ध्यान भटकाने के बाद कार की खिड़कियां तोड़कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए ठक-ठक गिरोह का तरीका अपनाया था. दहशत पैदा करने के लिए खिड़की में छेद करना, टायरों में छेद करना या ट्रैफिक लाइट पर कार के हुड के नीचे तेल डालना, छोटी-मोटी दुर्घटनाएं करना उनका तरीका था.
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