G20 Website Cyber Attack: जी-20 की वेबसाइट पर हर एक मिनट में हुए 16 लाख साइबर हमले , सुरक्षा एजेंसियों ने किया सभी हमलों को नाकाम

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G20 Website Cyber Attack: हाल ही में भारत में आयोजित हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान बनाई गई जी20 सम्मेलन की वेबसाइट पर हर एक मिनट में 16 लाख साइबर अटैक किया गया. हालांकि देश की सुरक्षा एजेंसियों ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया.

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की वेबसाइट को साइबर अटैक से सुरक्षित रखने के लिए सभी एजेंसियों ने सामूहिक प्रयास किया. यह ऐसा पहला मामला है, जब देश में किसी वेबसाइट पर एक साथ इतने बड़े पैमाने पर हमला हुआ.

G20 Website Cyber Attack
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नई दिल्लीः हाल ही में भारत में आयोजित हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान बनाई गई जी20 सम्मेलन की वेबसाइट पर हर एक मिनट में 16 लाख साइबर अटैक किया गया. हालांकि देश की सुरक्षा एजेंसियों ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने बुधवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गत वर्ष सितंबर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण आयोजन जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जी-20 की वेबसाइट पर हर एक मिनट में 16 लाख साइबर हमले किए गए.

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DDoS हमला करने की कोशिश

G20 Website Cyber Attack: रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि जब से यह वेबसाइट शुरू हुई थी इसपर साइबर हमले शुरू हो गए थे. लेकिन जैसे सम्मेलन की तारीख नजदीक आयी, इनकी संख्या बढ़ती चली गई. उन्होंने कहा, ‘हमलावर शिखर सम्मेलन के दिन DDoS हमला करने की कोशिश कर रहे थे. बहुत अधिक पिंगिंग थी इसलिए वेबसाइट बंद हो गई.’ उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट को साइबर अटैक से सुरक्षित रखने के लिए सभी एजेंसियों ने सामूहिक प्रयास किया. यह ऐसा पहला मामला है, जब देश में किसी वेबसाइट पर एक साथ इतने बड़े पैमाने पर हमला हुआ. वैसे उन्होंने साइबर अटैक के सोर्स के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया.

पहचान छुपाने के लिए कई लेयर का इस्तेमाल

G20 Website Cyber Attack: उन्होंने कहा कि साइबर हमलों के मूल सोर्स का पता लगाना आसान नहीं होता है. अपराधी अपनी पहचान छुपाने के लिए कई लेयर का इस्तेमाल करते हैं. उनके मुताबिक साइबर हमलों के लिए इस्तेमाल भले ही भारत में किसी सर्वर से किया जा रहा हो. लेकिन हो सकता है कि उसे रिमोट के जरिए किसी अन्य देश से चलाया जा रहा हो. इन साइबर अटैक को रोकने के लिए सर्ट-इन, सी-डैक और इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर जैसी एजेंसियों ने अथक प्रयास किए.

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