Modi Surname Case: मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है । कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया है, ताकि वह ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ अर्जी दे सके
2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरनेम पर कमेंट करने के बाद विवाद में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दोषी करार दिया था । कोर्ट ने राहुल गांधी की मौजूगी में उन्हें दोषी करार दिया । राहुल गांधी के खिलाफ यह मानहानि का केस काफी समय से सूरत की कोर्ट में चल रहा था ।
अहमदाबाद/ सूरत मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है । कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया है, ताकि वह ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ अर्जी दे सके ।
राहुल गांधी ने कहा था कि सारे चोरों के नाम मोदी कैसे?
Modi Surname Case: 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सारे चोरों के नाम मोदी कैसे? सूरत की सीजेएम कोर्ट ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को दोषी करार दिया ।
सूरत की सीजेएम कोर्ट पहुंचने पर कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया । इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आप क्या कहना चाहते हैं तो राहुल गांधी ने कहा मैं तो हमेशा करप्शन के खिलाफ बोलता हूं । मैंने किसी के खिलाफ जानबूझ नहीं बोला । इससे किसी को नुकसान नहीं हुआ ।
राहुल को 2 साल की सजा
Modi Surname Case: सूरत की अदालत ने राहुल के मोदी सरनेम वाले बयान पर 2 साल की सजा सुनाई है । माना जा रहा है कि राहुल के वकील अब उनकी जमानत की अर्जी देंगे । कोर्ट ने साथ ही साथ राहुल को जमानत भी दे दी है ।
कोर्ट ने इसके अलावा सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है । 2019 में राहुल ने पीएम मोदी को लेकर दिया था बयान । गौरतलब है कि राहुल गांधी इस सजा के खिलाफ उच्च अदालत में जा सकते हैं ।
कोर्ट में क्या बोले राहुल?
Modi Surname Case: मानहानि के केस में कोर्ट में पेश होने के लिए राहुल गांधी आज सुबह सूरत पहुंचे थे । वे पौने 11 बजे सूरत की जिला एवं सत्र अदालत पहुंचे । इसके बाद कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई । जहां पर कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें आईपीसी की धारा 504 के तहत मानहानि का दोषी करार दिया ।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दो धाराओं 499 और 504 में था । आईपीसी की धारा 504 में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा का प्रावधान है । अभी कोर्ट ने राहुल को दोषी करार दिया है, लेकिन सजा का ऐलान नहीं किया है ।
शेर- ए- हिन्दुस्तान के पोस्टरों से स्वागत
Modi Surname Case: इससे पहले जब राहुल गांधी के सूरत पहुंचने पर एयरपोर्ट के बाहर उनका पोस्टरों के जरिए स्वागत किया । सूरत एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा के बीच वह बाहर निकले और आठवा कोर्ट के रवाना हुए । राहुल गांधी के स्वागत के लिए सूरत में कांग्रेस ने बड़ी तैयारी की है ।
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राहुल गांधी जब एयरपोर्ट से बाहर निकले तो वहां उनके स्वागत में शेर- ए- हिन्दुस्तान के पोस्टरों से स्वागत हुआ । कुछ पोस्टरों पर लिखा था कि कांग्रेस नहीं झुकेगी । कोर्ट पहुंचने के रात में तीन स्थानों पर राहुल गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वगत किया ।
सूरत के एसके नगर प्वाइंट, एसवीएनआईटी कॉलेज, पूजा- अभिषेक अपार्टमेंट पर बड़ी संख्या कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी का स्वागत किया । मानहानि के मामले राहुल गांधी इससे पहले जब केस कोर्ट पहुंचा था तब वे जुलाई, 2020 में पेश हुए थे ।
क्या था पूरा मामला?
Modi Surname Case: 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि’ सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सूरत के वेस्ट से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था । उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया । इसके बाद यह केस सूरत की कोर्ट में पहुंचा था ।
राहुल गांधी को 9 जुलाई, 2020 को सूरत की कोर्ट में पेश होना पड़ा था । पिछले महीने पूर्णेश मोदी ने केस में जल्दी फैसला करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । इसके बाद हाईकोर्ट ने सूरत की कोर्ट से तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी । इसके बाद पिछले एक महीने से सूरत कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी । इसमें दोनों पक्षों की तरफ दलीलें रखी गई थी ।
इस दौरान राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि मोदी कोई समुदाय नहीं है । राहुल गांधी के सारे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित थे । ऐसे में उन्हें मानहानि का केस करना चाहिए । इसके बाद सूरत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च को तारीख निर्धारित की थी । इसके बाद कांग्रेस ने सूरत कूच का ऐलान किया था ।
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