PF Interest Rate Increased: पीएफ पर बढ़ी ब्याज दर से आपको कितना फायदा? हिसाब देखकर दिमाग चकरा जाएगा

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PF Interest Rate Increased: भविष्य निधि यानी PF हर कर्मचारी की वह गाढ़ी कमाई है, जो बुरे वक्त में साथ देती है । जरूरतें ज्यादा हों और सैलरी कम, फिर भी कमाई का एक हिस्सा इसमें जाता है

सरकार ने मंगलवार को पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाकर8.15 प्रतिशत करने का ऐलान किया । यह रेट वित्त वर्ष 2022- 23 के लिए लागू होगा । सालभर पहले वित्त वर्ष 2021- 22 में पीएफ पर8.10 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया गया था । यानी ब्याज दर में सिर्फ0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है ।

PF Interest Rate Increased
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नई दिल्ली भविष्य निधि यानी PF हर कर्मचारी की वह गाढ़ी कमाई है, जो बुरे वक्त में साथ देती है । जरूरतें ज्यादा हों और सैलरी कम, फिर भी कमाई का एक हिस्सा इसमें जाता है । नियम के तहत कर्मचारी के हिस्से से मूल वेतन( Basic Salary) का 12 और कंपनी के हिस्से से3.67 प्रतिशत यानी बेसिक सैलरी का कुल15.67 प्रतिशत हर महीने पीएफ फंड में जाता है ।

PF Interest Rate Increased: हर वर्ष2.5 लाख रुपये तक की जमा रकम पर टैक्स छूट भी मिलती है । गाढ़े वक्त में नियम के मुताबिक पीएफ के कुछ हिस्से को निकालने की भी सुविधा है । ऊपर से इस पर मिलने वाला ब्याज भी बैंकों के मुकाबले ज्यादा होता है । इन्हीं सारी खूबियों की वजह से पीएफ, सैलरीड क्लास और पेंशनभोगियों के लिए तब पतवार बन जाता है जब मोटे खर्चे के मझधार में मिडल क्लास की नैया डगमगाने लगती है ।

बढ़े ब्याज दर से कर्मचारियों- पेंशनभोगियों को5.50 अरब का फायदा

PF Interest Rate Increased: ऐसे में वित्त वर्ष 2022- 23 के लिए पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान इन दोनों वर्गों को खुशी देने वाला है । हालांकि, यह बढ़त बहुत मामूली है, सिर्फ0.05 की । लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ईपीएफ के पास 6 करोड़ खाताधारकों के 11 लाख करोड़ रुपये जमा हैं । इस पर0.05 प्रतिशत की दर से ज्यादा ब्याज मिलने का मतलब है कि खाताधारकों को5.50 अरब रुपये ज्यादा मिलेंगे । ईपीएफओ ने कहा है कि वित्त वर्ष 2022- 23 में पीएफ पर ब्याज के रूप में 90 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे ।

यह तो हो गई मोटी रकम पर मोटे ब्याज की । लेकिन इंडिविजुअल की नजर से देखें तो यह ऊंट के मुंह में जीरे का फोरन ही मालूम पड़ता है । मान लीजिए कि वित्त वर्ष 2022- 23 की शुरुआत में आपके पीएफ खाते में 3 लाख रुपये जमा थे । तो आपको0.5 की ज्यादा की दर से सिर्फ मात्र 150 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा । दरअसल,0.05 प्रतिशत ब्याज का मतलब ही है, हर सौ रुपये पर 5 पैसे की आमदनी ।

लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू भी देख लीजिए

PF Interest Rate Increased: अब उन लोगों की भी बात कर लें जिनका अप्रैल 2022- 23 में पीएफ अकाउंट खुला ही है । यानी उन्होंने मार्च- अप्रैल 2022 में नौकरी जॉइन ही की है । अगर उनका मूल वेतन 15 हजार रुपये मान लिया जाए तो नई ब्याज दर के ऐलान से उन्हें पीएफ पर साल में कुल 10 पैसे से भी कम का फायदा होगा । आइए जानते हैं कि आखिर पीएफ पर ब्याज की गणना कैसे होती है, तब पता चलेगा कि0.05

प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलने का मतलब क्या है.

  • पीएफ पर ब्याज के आकलन का एक फॉर्म्युला है.अगर बेसिक सैलरी 15 हजार महीना है तो
  • इसमें कर्मचारी का योगदान 12 यानी,800 रुपये है ।
  • ऊपर से कंपनी का योगदान3.67 की दर से 550 रुपये ।
  • पीएफ में हर महीने2,350 रुपये जमा
  • 2022- 23 में सालाना8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा

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  • यानी मंथली रेट8.15/ 12 यानी0.68 प्रतिशत
  • रुपये पर0.68 की दर से ब्याज-15.98 रुपये
  • यानी सालभर में कुल191.52 रुपये ब्याज
  • अगर इस बार पीएफ पर ब्याज दर नहीं बढ़ती और8.10 रेट ही रहता तो
  • हर महीने0.67 प्रतिशत की दर से कुल15.86 रुपये का ब्याज मिलता
  • यानी साल में कुल190.35 रुपये
  • यानी सिर्फ1.17 रुपये का फायदा ।

पीएफ फायदेमंद है या दूसरा निवेश?

PF Interest Rate Increased: ध्यान रहे कि8.15 प्रतिशत की दर से ही वॉल्युंटरी प्रॉविडेंट फंड( VPF) में जमा रकम पर भी ब्याज मिलेगा । ध्यान रहे कि कर्मचारियों को मूल वेतन के 12 की अनिवार्य रकम के अलावा भी एक निश्चित रकम हर महीने पीएफ फंड में डालने की सुविधा मिलती है जिसे वीपीएफ कहा जाता है । अब पीएफ फंड की तुलना बैंकों से करें तो निश्चित रूप से पीएफ का पलड़ा भारी है,

लेकिन म्यूचुअल फंडों और शेयर मार्केट में होशियारी से निवेश करने पर पीएफ के मुकाबले कहीं ज्यादा फायदा हो सकता है । हालांकि, दोनों में एक और अंतर है- वह है जोखिम का । पीएफ में लगा पैसा पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन मार्केट और म्यूचुअल फंड में लगे पैसे का कोई भरोसा नहीं । हो सकता है बंपर रिटर्न मिले, संभव है कि बड़ा घाटा उठाना पड़े ।

बैंकों में भी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि ही सुरक्षित है । अगर बैंक डूब गया तो 5 लाख से ज्यादा जो भी रकम है, वो डूब जाएगी । इस तरह, कुल मिलाकर कहें तो पीएफ का पलड़ा दूसरे निवेश विकल्पों पर भारी दिखता है । यह अलग बात है कि8.10 प्रतिशत की जगह8.15 प्रतिशत की ब्याज दर कर देने से निवेशकों को कुछ खास हासिल नहीं होने वाला ।

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