21 Retired Judges Write to CJI: रिटायर्ड जजों ने सुप्रीम कोर्ट को भेजी चिट्ठी, लिखा कुछ लोग अपने फायदे के लिए न्यायपालिका को कर रहे कमजोर

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21 Retired Judges Write to CJI: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 21 रिटायर्ड जजों के एक ग्रुप ने रविवार, 14 अप्रैल को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी सोमवार, 15 अप्रैल को सामने आई। जिसमें रिटायर्ड जजों ने लिखा कि कुछ गुट सोची-समझी रणनीति के तहत दबान बनाकर, गलत सूचनाएं और सार्वजनिक रूप से अपमानित करके न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

रिटायर्ड जजों ने आरोप लगाया है कि कुछ गुट, जो अक्सर राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ (21 Retired Judges Write to CJI) से प्रेरित होते हैं, न्यायिक प्रणाली को कमजोर कर रहे हैं। यह न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास है।

21 Retired Judges Write to CJI
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न्यायपालिका: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 21 रिटायर्ड जजों के एक ग्रुप ने रविवार, 14 अप्रैल को चीफ जस्टिस डीवाई (21 Retired Judges Write to CJI) चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी सोमवार, 15 अप्रैल को सामने आई। जिसमें रिटायर्ड जजों ने लिखा कि कुछ गुट सोची-समझी रणनीति के तहत दबान बनाकर, गलत सूचनाएं और सार्वजनिक रूप से अपमानित करके न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग ओछी राजनीतिक हित और अपने फायदे के लिए न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम कर रहे हैं।

4 सुप्रीम कोर्ट के, बाकी हाईकोर्ट के जज

21 Retired Judges Write to CJI: चिट्ठी लिखने वाले 21 जजों में 4 सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं। जबकि 17 राज्यों के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस या अन्य जज हैं। सुप्रीम के जस्टिस रिटायर्ड दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी समेत अन्य जजों ने यह चिट्ठी किन घटनाओं को लेकर लिखा है, यह खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन यह चिट्ठी ऐसे समय आई जब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी चल रही है।

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न्यायिक प्रणाली को कमजोर कर रहे कुछ लोग

21 Retired Judges Write to CJI: रिटायर्ड जजों ने आरोप लगाया कि कुछ गुट राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ के लिए न्यायिक प्रणाली को कमजोर कर रहे हैं। इसके लिए वे अदालतों और जजों की ईमानदारी पर सवाल उठाने के साथ न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने कके लिए कपटपूर्ण तरीके अपना रहे हैं।

जनता की भावनाओं को भड़काने वाली रणनीति को लेकर चिंतित

21 Retired Judges Write to CJI: इस तरह की कार्रवाइयां न केवल हमारी न्यायपालिका की पवित्रता का अपमान करती हैं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के लिए सीधी चुनौती भी पेश करती हैं। जजों ने कहा कि हम विशेष रूप से गलत जानकारी से न्यायपालिका के खिलाफ जनता की भावनाओं को भड़काने वाली रणनीति को लेकर चिंतित हैं। यदि अदालती फैसले विचारों से मेल खाने के हक में आते हैं तो प्रशंसा और यदि खिलाफ में आते हैं कि उनकी तीखी आलोचना करने की प्रथा न्यायिक प्रणाली और कानून को कमजोर करती है।

21 Retired Judges Write to CJI: जजों ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि अदालतों को ऐसे दबावों से बचाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हमारी कानूनी प्रणाली की पवित्रता और स्वायत्तता संरक्षित रहे।

600 वकीलों ने लिखा था CJI को पत्र

21 Retired Judges Write to CJI: मार्च के अंत में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत 600 वकीलों ने चीफ जस्टिस को लेटर लिखा था। जिसमें एक समूह पर न्यायिक परिणामों को प्रभावित करने के लिए दबाव की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया गया था। वकीलों ने कहा कि विशेष रूप से राजनीतिक हस्तियों और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े मामलों में अदालतों पर दबाव बनाया जा रहा है। वकीलों ने कहा था कि इस तरह की कार्रवाइयां न्यायिक प्रणाली के कामकाज को खतरे में डालती हैं।

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