Satyam Scam 2009: शेयर बाजार में जब भी घोटाले का जिक्र होता है तो हर्षद मेहता स्कैम की बात जरूर होती है लेकिन इसके अलावा भी स्टॉक मार्केट को पिछले 30 वर्षों में कई स्कैम का सामना करना पड़ा. इनमें से एक है 2009 में हुआ सत्यम घोटाला, जिसमें निवेशकों को करीब 7800 करोड़ रुपये का चूना लगाया था.
SEBI ने 30 नवंबर को सत्यम कंप्यूटर्स सर्विसेज से जुड़े धोखाधड़ी मामले में एक और आदेश पारित किया है. इसमें 6 संस्थाओं को 624 करोड़ रुपये के गैरकानूनी लाभ और उस पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भुगतान करने को कहा है.
नई दिल्ली: शेयर बाजार में जब भी घोटाले का जिक्र होता है तो हर्षद मेहता स्कैम की बात जरूर होती है लेकिन इसके अलावा भी स्टॉक मार्केट को पिछले 30 वर्षों में कई स्कैम का सामना करना पड़ा. इनमें से एक है 2009 में हुआ सत्यम घोटाला, जिसमें निवेशकों को करीब 7800 करोड़ रुपये का चूना लगाया था. किसी समय देश की दिग्गज आईटी कंपनी रही सत्यम के इस घोटाले से शेयर बाजार में भूचाल आ गया था.
Satyam Scam 2009: अब बाजार नियामक सेबी ने 14 साल पुराने सत्यम घोटाला मामले में तत्कालीन कंपनी के संस्थापक बी रामलिंगा राजू, 4 व्यक्तियों और एक संस्था से 624 करोड़ रुपये की गैरकानूनी कमाई लौटाने को कहा है. सेबी ने रामलिंगा राजू और रामा राजू को प्रतिभूति बाजारों से लगभग 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. ये आदेश हालांकि दोनों व्यक्तियों की लंबित अपीलों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के अधीन होगा.
ब्याज समेत लौटान होगा पैसा
Satyam Scam 2009: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 30 नवंबर को सत्यम कंप्यूटर्स सर्विसेज से जुड़े धोखाधड़ी मामले में एक और आदेश पारित किया, जिसमें 6 संस्थाओं को 624 करोड़ रुपये के गैरकानूनी लाभ और उन पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भुगतान करने को कहा है.
ब्याज के साथ अब इन संस्थाओं को लगभग 1,747.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. इसके लिए जनवरी 2024 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है. इसमें करीब 15 साल की 1,123 करोड़ रुपये की ब्याज राशि शामिल है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को जेल से फिर मिला ब्रेक, 21 दिन की फरलो हुई मंजूर, अगले हफ्ते आ सकते है बाहर
क्या था सत्यम कंप्यूटर्स घोटाला
Satyam Scam 2009: सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में घोटाला सात जनवरी 2009 को उस समय सामने आया, जब कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन रामलिंगा राजू ने कंपनी के खातों में हेरफेर करने की बात स्वीकार की. सेबी की जांच से यह भी पता चला कि व्यक्तियों ने जनवरी 2001 से दिसंबर 2008 के दौरान कंपनी के शेयरों का सौदा किया. ये सौदे ऐसे वक्त में किए गए जब उनके पास कंपनी की प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के बारे में संवेदनशील जानकारी थी.
सेबी ने 30 नवंबर के आदेश में रामलिंगा राजू, रामा राजू, बी सूर्यनारायण राजू, वी श्रीनिवास, जी रामकृष्ण और एसआरएसआर होल्डिंग्स को कुल 624.09 करोड़ रुपये के गैरकानूनी लाभ को लौटाने का निर्देश दिया. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार इस राशि को ब्याज सहित लौटाना होगा.
देश–दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म–कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें Social Awaj News ऐप
लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए Social Awaj फेसबुकपेज लाइक करें