Victim Of Fraud: संबंधों की आड़ में धोखाधड़ी करने वाले जालसाजों के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स काफी मददगार साबित हो रही हैं ऐसे ही एक मामले में किस तरह जालसाजों ने सोशल मीडिया के जरएि युवक से दोस्ती की और किस तरह उसे ठगी का शिकार बनाया
रात में सोने से पहले अपना फेसबुक पेज स्क्रॉल करना समीर की लगभग रोज की आदत बन चुकी थी. रविवार की रात भी समीर रोज की तरह अपना फेसबुक पेज देख रहा था, तभी मोबाइल की नोटिफिकेशन रिंग बजती है और स्क्रीन पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट दिखाई देती है. यह फ्रेंड रिक्वेस्ट बेहद खूबसूरत दिख रही एक युवती की थी, जिसकी प्रोफाइल में उसका नाम कैथलीन दर्ज था. कैथलीन की प्रोफाइल कई आकर्षक तस्वीरों से भरी हुई थी. कैथलीन से अपरिचित होने के बावजूद समीर उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लेता है. उस दिन यह बात यहीं पर खत्म हो जाती है.
करीब सप्ताह भर बाद, कैथलीन फेसबुक मैसेंजर पर समीर को `Hi` का मैसेज लिखकर भेजती है, जिसके जवाब में समीर `Hello` लिखकर भेज देता है. दोनों के बीच `Hi-Hello` से शुरू हुई बात देखते ही देखते घंटो लंबी बातचीत में बदल जाती है. अब शायद ही कोई ऐसी रात जाती, जब दोनों के बीच लंबी बात न होती.
Victim Of Fraud: कुछ ही समय में यह बातचीत टेक्स्ट मैसेज से आगे बढ़कर ह्वाट्सएप और मैसेंजर कॉलिंग तक पहुंच चुकी थी. अब दोनों अपनी पसंद-नापसंद, घर-परिवार, दोस्त-दुश्मन यानी हर बात साझा करने लगे थे. हां, समीर अब कैथलीन को कैथ और कैथलीन अब समीर को सैम कह कर बुलाने लगी थी.
मिलने के बहाने से कैथलीन ने कही इंडिया आने की बात
Victim Of Fraud: यहां कैथलीन का तो पता नहीं, पर समीर अब कैथ को पसंद करने लगा था. एक दिन मौका देखकर समीर ने कैथ के सामने अपने प्यार का इजहार भी कर दिया और कैथ ने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया. अब दोनों एक-दूसरे से मिलने का मौका खोजने लगे.
चूंकि समीर के पास लंदन जाने-आने इतने रुपए नहीं थे, लिहाजा वह चाह कर भी इस बात को आगे नहीं बढ़ा रहा था. तभी एक दिन, कैथनील ने समीर को बताया कि उसने उसके लिए बहुत प्यारा सा गिफ्ट खरीदा है, जिसे लेकर वह अगले कुछ दिनों में भारत आ रही है. कैथलीन की बात सुन समीर को ऐसा लगा जैसे भगवान ने उसकी कोई पुरानी मन्नत पूरी कर दी हो.
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Victim Of Fraud: अब क्या था. समीर पूरी शिद्दत से अपनी प्रेमिका कैथलीन की अगुवानी की तैयारी में जुट गया. जल्द ही वह दिन भी आ गया, जिस दिन कैथलीन इंडिया आने वाली थी. समीर फूलों का बड़ा गुलदस्ता लेकर एयरपोर्ट पहुंच चुका था. उसकी निगाह लगातार डिस्प्ले बोर्ड पर लंदन से आने वाली कैथलीन की फ्लाइट पर टिकी हुई थी.
अपने समय पर कैथलीन की फ्लाइट एयरपोर्ट पर लैंड हो गई, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी कैथलीन एयरपोर्ट से बाहर नहीं आई. कैथलीन का मोबाइल फोन भी लगातार स्विचऑफ जा रहा था. अब समीर की बेचैन बहुत बढ़ चुकी थी और वह एयरपोर्ट स्टॉफ से कैथलीन की जानकारी लेने की कोशिश करने लगा.
कस्टम ड्यूटी के नाम पर समीर से मांगे गए 2.five लाख रुपए
Victim Of Fraud: तभी, समीर के फोन पर कैथलीन का फोन आता है. वह बताती है कि वह उसी कीमती गिफ्ट की वजह से कस्टम ऑफिसर्स की गिरफ्त में है, जो वह लंदन से समीर के लिए लेकर आई थी. कस्टम ऑफिसर्स करीब 2.five लाख रुपए कस्टम ड्यूटी मांग रहे हैं. चूंकि उसके पास सिर्फ डॉलर और पॉउंड में करेंसी है, लिहाजा वह उसका भुगतान नहीं कर पा रही है.
वह समीर को एक एकाउंट नंबर देती है और कहती है कि जल्दी से इस एकाउंट में 2.five लाख रुपए जमा करा दे. वह एयरपोर्ट से बाहर आते ही उसके रुपयों का भुगतान कर देती है. अपने प्यार को कानून के शिकंजे में फंसा जान समीर अपनी जीवन भर की जमा पूंजी बिना कुछ सोचे उस एकाउंट नंबर में जमा करा देता है.
कस्टम ड्यूटी के नाम से हो रहे फ्रॉड को ऐसे पहचाने
Victim Of Fraud: कैथलीन के बताए पर्सनल एकाउंट में रुपए जमा कराने के बाद न ही कैथलीन का मोबाइल फिर कभी ऑन हुआ और न ही वह कभी मैसेंजर पर वापस आई. काफी देर बात समीर को समझ आया कि वह ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो चुका है. समीर और कैथलीन की यह कहानी तो सिर्फ एक बानगी है. आलम यह है आए दिन कोई न कोई `समीर` किसी न किसी एयरपोर्ट पर किसी `कैथलीन` की तलाश में घूमता नजर आ जाएगा. सब कुछ गंवाने के बाद उसे अहसास होता है कि विदेशी से आई लुटेरी दुल्हन उसका सबकुल लूट उससे बहुत दूर जा चुकी है.
Victim Of Fraud: कस्टम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, समीर से ठगी का यह एकलौता मामला नहीं है, बल्कि समीर जैसे न जाने कितने लोग हैं, जो ठीक इसी तरह रोजाना ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं. कस्टम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कस्टम विभाग कभी भी कॉल या एसएमएस के जरिए किसी पर्सनल एकाउंट में रुपए जमा कराने के लिए नहीं करती है. कस्टम के सभी ट्रांजेक्शन एक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (डिन) जो एक यूनिक नंबर है, के जरिए ही होती हैं.
कस्टम के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस यूनिक नंबर को http://esanchar.cbic.gov.in/DIN/DINSearch पर जाकर सत्यापित किया जा सकता है. साथ ही, कस्टम विभाग इस तरह के ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए लगातार विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी कर रहा है.
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