Military Hardware: रक्षा मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच 45,000 करोड़ रुपये की लागत से हथियारों और उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है। इसमें हवाई हमलों के लिए ध्रुवास्त्र और लड़ाकू विमान शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ये सभी खरीदें भारतीय विक्रेताओं से की जाएंगी।
चीन के साथ सीमा विवाद और पाकिस्तान के साथ रिश्तों में तल्खी के बीच रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी।
इनमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र, 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने कुल नौ खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी।
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‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य
Military Hardware: रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से की जाएगी, जिनसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा, गतिशीलता, हमले की क्षमता और मशीनीकृत बलों की उत्तरजीविता बढ़ाने के लिए, डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहन (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) की खरीद को मंजूरी दे दी है।
हाई मोबिलिटी खरीद को मंजूरी
Military Hardware: डीएसी ने तोप और राडार को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनकी तैनाती के लिए हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) की खरीद को भी मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दे दी। इसमें कहा गया है कि डोर्नियर विमान के वैमानिकी अपग्रेड को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय वायु सेना के एक प्रस्ताव को भी आवश्यकतानुसार स्वीकृति (एओएन) दी गई थी।
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