Fish Without Water: बिहार के बांका जिले में एक गांव है मनिया. यहां हर घर में चांदी की मछली बनाने का काम किया जाता है. आपको यहां दो हजार से लेकर एक लाख रुपये से अधिक तक की मछलियां मिल जाएंगी.
जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनिया गांव चांदी की मछली के लिए प्रसिद्ध है. यहां हर घर में चांदी की मछलियां तैयार की जाती हैं. इस गांव के लोगों ने चांदी की मछली की निर्माण कला में पीढ़ियों से महारथ हासिल कर रखी है. यही कारण है कि देशभर में यहां की मछलियों की खूब डिमांड रहती है.
Fish Without Water: बांका जिले के कटोरिया प्रखंड में तीन नदियों से घिरे मनियां गांव में करीब डेढ़ सौ घर हैं. यहां हर घर में लोग चांदी की मछली तैयार करते हैं. इसी से यहां के लोगों का जीवन यापन चल रहा है. अधिकतर लोग यहां दो-तीन पीढ़ियों से चांदी की मछली बना रहे हैं. इस कला को सीखने के लिए लोगों को कही बाहर नहीं जाना पड़ता है. लोगों को मछली बनाने की कारीगीरी विरासत में मिल जाती है.
दो हजार से लेकर एक लाख तक की मिलती हैं मछलियां
Fish Without Water: मनिया गांव में चांदी की मछली हर साइज में तैयार की जाती है. आपको दो हजार से लेकर एक लाख रुपये से अधिक तक की मछलियां मिल जाएंगी. चांदी की मछलियों की मार्केटिंग से जुड़े युवाओं ने बताया कि कुछ लोग दो किलो चांदी की मछलियों की डिमांड करते हैं. इसकी अभी कीमत एक लाख बीस हजार रुपये है. ज्यादातर लोग 10 से 15 हजार रुपये के बीच की मछलियों की मांग करते हैं.
लोगों को घर में मिल जाता है रोजगार
Fish Without Water: इस गांव के कोई भी युवा रोजी-रोजगार की तलाश में परदेश नहीं जाते हैं. उन्हें यहीं पर काम मिल जाता है. इंटर के छात्र राहुल ने बताया कि वह अभी पढ़ाई कर रहे हैं. अगर सरकारी नौकरी मिली तो ठीक, नहीं तो वह गांव में ही मछली तैयार करने लगेंगे. यह उनका पुस्तैनी धंधा है. बचपन से ही घर में काम देख रहे है और इसका आदी हो चुके हैं.