Business For China: चीन के लिए तकनीकी राज़ चुराना बना एक आकर्षक पेशा – अमेरिका (USA)

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Business For China: चीन (China) पर लंबे समय से दूसरे देशों की तकनीक चोरी करने के आरोप लगते रहे हैं. इस बीच अमेरिका (USA) ने एक बार फिर कहा है कि चीन उसकी तकनीक चुरा रहा हैं और अब इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए.

चीन पर अमेरिका की तकनीक चुराने के आरोप लंबे समय से लगते आए हैं. ताजा मामले की बात करें तो अमरीकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक पावर में काम करने वाले ज़ेंग शियाओचिंग ने जो जानकारी कंपनी से चुराई, वो गैस और भाप से चलने वाली टर्बाइन बनाने की डिज़ाइन से जुड़ी थी.

GE अमेरिका की वो अहम कंपनी है, जिसे स्वास्थ्य, ऊर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियों के लिए जाना जाता है. करोड़ों-अरबों डॉलर की ये तकनीकी खुफिया जानकारी, जेंग ने चीन में बैठे अपने पार्टनर को भेजीं. आरोप सिद्ध हुए तो ये साफ हो गया कि अमरीकी कंपनी से चुराई गई इस तकनीक से शी जिनपिंग की सरकार और चीनी कंपनियों को तगड़ा फायदा होने जा रहा था. इसलिए जेंग को नए साल की शुरुआत में कड़ी कैद और भारी जुर्माने की सजा सुनाई गई.

ऐसे कई मामले

Business For China: अमरीकी अधिकारी, अब इस औद्योगिक जासूसी करने वालों के पूरे रैकेट को खंगाल रहे हैं. आपको बताते चलें कि इससे ठीक पहले नवंबर 2022 में एक पेशेवर जासूस बताए जा रहे चीनी नागरिक शू यानजुन को 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. शू पर अमरीका के हवाई और अंतरिक्ष उद्योग की कई कंपनियों से गोपनीय तकनीकी जानकारियां चुराने का आरोप साबित हुआ था. इन्हीं कुछ कंपनियों में जनरल इलेक्ट्रिक भी शामिल है.

सुपरपावर बनने के लिए चोरी कर रहा चीन?

Business For China: कई दशक पहले दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका चीन दरअसल पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका और यूरोप की तकनीक को हासिल करके पहले चीनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहता है, ताकि वो भविष्य में मौजूदा भू-राजनीतिक व्यवस्था यानी सुपरपावर अमेरिका को पीछे दखेल कर नंबर वन का ताज हासिल कर सके.

एक्सपर्ट्स की राय

Business For China: इंटरनेशनल टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि आज के समय में रक्षा जानकारियां हासिल करने में जान का खतरा है. इस आरोप में फौरन कूटनीतिक संबंधों में तनाव आ जाता है यानी सीधे-सीधे संघर्ष की स्थितियों को नजरअंदाज करने के लिए आज कारोबारी तकनीकी राज़ चुराना एक आकर्षक पेशा बन गया है. क्योंकि ऐसे राज हासिल करके, चीन वैश्विक मूल्य आधारित श्रृंखला में जल्द लंबी छलांग लगा सकता है. इससे पैसे और समय दोनों की बचत होती है.

एफबीआई का बयान

Business For China: अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी क्रिस्टोफर रे ने कुछ समय पहले लंदन में कहा था कि, चीन का लक्ष्य पश्चिमी देशों की कंपनियों की बौद्धिक संपदा की `लूट-मार’ करना है, जिससे वो अपने औद्योगिक विकास को रफ़्तार दे सके और आख़िरकार, प्रमुख उद्योगों में अपना दबदबा क़ायम कर सके.’

ऑस्कर 2023 के लिए ‘द कश्मीर फाइल्स’ हुई शॉर्टलिस्ट

क्रिस्टोफ़र रे ने चेतावनी दी थी कि चीन 2023 की शुरुआत होने से पहले ‘बड़े शहरों से छोटे क़स्बों तक, फ़ॉर्च्यून a hundred कंपनियों से लेकर स्टार्ट अप तक, हवाई उद्योग से लेकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और दवा उद्योग तक’ में सेंधमारी करके हमारी तकनीकी चुराने में लगा है.

चोरी और सीनाजोरी

Business For China: इस आरोप के बाद चीनी विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता चाओ लीजियन ने कहा था कि क्रिस्टोफर रे, चीन की छवि ख़राब कर रहे हैं. क्योंकि उनकी `मानसिकता शीत युद्ध वाली’ है. हालांकि तब जेंग के बारे में, सीनियर अफसर एलन कोहलर जूनियर ने कहा था कि चीन, ‘अमेरिकी सादगी’ पर हमला करते हुए हमारी ग्लोबल लीडर वाली इमेज खत्म करके हमें पीछे छोड़ना चाहता है.’

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